तिल के तेल का दीपक किस दिन लगाना चाहिए – भगवान की पूजा में दीपक जलाने का अपना विशेष महत्व है। श्रद्धापूर्वक भगवान के सामने दीपक जलाया जाता है, और समृद्धि की प्रार्थना की जाती हैं ताकि घर में खुशहाली बनी रहे। ऐसा माना जाता है कि शाम के समय दीपक जलाना बहुत शुभ होता है और इस दीपक को कुछ विशेष सामग्रियों से जलाने का एक अलग ही ज्योतिषीय महत्व होता है। लेकिन क्या आप जानते है तिल के तेल का दीपक किस दिन लगाना चाहिए और तिल के तेल का दीपक जलाने से क्या होता है? आइये जानते है –
क्या तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए, तिल के तेल का दीपक किस दिन लगाना चाहिए
हाँ, क्या तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। तिल के तेल का दीपक शनिवार के दिन लगाना चाहिए। अगर आप चाहे तो रोजाना भी तिल के तेल का दीपक लगा सकते है। शनिवार के दिन शनि मंदिर में तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
शनिवार के दिन शनि मंदिर में तिल के तेल का दीपक लगाया जाता है, और ऐसा माना जाता है कि अगर 41 दिनों तक रोजाना पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाया जाए तो पुराने से पुराने रोग भी दूर हो जाते हैं।
तिल के तेल का दीपक जलाने से क्या होता है / तेल का दीपक जलाने के लाभ
अगर आप घर में तिल के तेल का दीपक जलाते हैं तो आपके घर की सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में खुशहाली आती है। यह दीपक आसपास के वातावरण से बुरी शक्तियों को दूर करने में भी मदद करता है और सकारात्मक वातावरण प्रदान करता है। इस दीपक की लौ चारों ओर पवित्रता फैलाती है और किसी भी प्रकार की बुरी शक्तियों को दूर रखने में मदद करती है।
यदि आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत है तो आपका भाग्य आपका साथ देता है और आप अपने कार्यक्षेत्र में सूर्य की तरह तेजस्वी और गतिशील बने रहते हैं। इसके अलावा अगर आपके घर में आर्थिक तंगी चल रही है तो उससे भी राहत मिलती है।
तिल के तेल का दीपक जलाने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा मानसिक शांति और भावनाओं की स्थिरता के लिए भी तिल के तेल का दीपक जलाया जाता है।
इससे कुंडली में चंद्र ग्रह मजबूत होता है और आपके जीवन पर शुभ प्रभाव पड़ने लगता है। इसके अलावा यदि आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है तो इसका प्रभाव कम होता है।
मंगल ग्रह साहस, ऊर्जा और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। नियमित रूप से शाम के समय घर में तिल के तेल का दीपक जलाने से मंगल ग्रह प्रसन्न होता है और उसके अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं, जिससे उसकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में निर्देशित करने में मदद मिलती है।
यदि आप मुख्य रूप से शाम के समय मुख्य द्वार पर तिल के तेल का दीपक जलाते हैं तो इससे बुध ग्रह को सकारात्मक परिणाम मिलते हैं और उसकी स्थिति भी मजबूत होती है। बुध ग्रह संचार, बुद्धि और सीखने की प्रवृत्ति को नियंत्रित करता है। तिल के तेल का दीपक जलाने से बुध के सकारात्मक प्रभाव बढ़ सकते हैं।
तिल के तेल का दीपक जलाने बृहस्पति और शुक्र मजबूत हो सकते है। बृहस्पति को ज्ञान, विकास और प्रचुरता का ग्रह माना गया है, वही बृहस्पति की कृपा पाने के लिए और जीवन में समृद्धि, ज्ञान व आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने के लिए शाम के वक्त तिल के तेल का दीपक जलाएं।
साथ ही शुक्र ग्रह को मजबूत करने और जीवन में प्रेम, सद्भाव और सुंदरता बनाए रखने के लिए तिल के तेल का दीपक जलाना विशेष फलदायी माना जाता है।
तिल के तेल का दीपक जलाते इन बातों का रखें ध्यान
तिल का दीपक जलाते समय ध्यान रखें कि सबसे पहले दीपक को गंगा जल से धोकर अच्छी तरह सुखा लें। इसके बाद इसमें रुई की जगह धागे की बाती रखें, तिल का तेल डालें और दीपक जलाएं।
तिल का दीपक हमेशा पूर्व दिशा की ओर जलाएं। इसका मतलब यह है कि दीपक की बाती पूर्व दिशा की ओर होनी चाहिए।
आप सुबह या शाम के समय तिल के तेल का दीपक जला सकते हैं। कोशिश करें कि सुबह 4 से 5 बजे के बीच तिल के तेल का दीपक जलाएं। आप शाम को 5 से 8 बजे के बीच तिल के तेल का दीपक जला सकते हैं।
आप पूजा करते समय तिल के तेल का दीपक जला सकते हैं या फिर सुबह-शाम घर में रख भी सकते हैं।