ताजमहल का मालिक कौन है 2024 (Tajmahal Ka Malik Kaun Hai 2024)

ताजमहल का मालिक कौन है – प्यार की निशानी माने जाने वाले ताज महल की गिनती दुनिया के सात अजूबों में होती है। इसकी खूबसूरती के आगे महंगी से महंगी चीजें भी फीकी पड़ जाती हैं। ताज महल पूरी दुनिया में मशहूर है, प्यार की इस निशानी को देखने के लिए हर साल लाखों लोग यहां आते हैं। यमुना नदी के किनारे स्थित यह इमारत दुनिया में खूबसूरती की एक नई मिसाल पेश करती है।

आगरा शहर ताज महल के कारण भी बहुत प्रसिद्ध हो गया है। आगरा मुगलों का भी पसंदीदा शहर था, जिसके कारण उन्होंने आगरा को अपनी राजधानी बनाना पसंद किया। ताज महल अपने आप में एक महान उदाहरण है, इसके जैसी इमारत आज तक दुनिया में नहीं बनी है।

लेकिन क्या आप जानते है इस खूबसूरत ईमारत का मालिक कौन है, इसे किसने बनवाया था? अगर नहीं तो आज के इस लेख को ध्यान से पढ़े। क्योकि आज के इस लेख में हम आपको ताजमहल और इससे सम्बन्धित कुछ जानकारी देने वाले है।

ताजमहल का मालिक कौन है 2024 (Tajmahal Ka Malik Kaun Hai 2024)

वर्तमान समय में ताजमहल का मालिक – भारत सरकार ही है। भारत सरकार ने पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग यानी एएसआई के हाथों में ताजमहल की देखरेख की जिम्मेदारी दे रखी है।

बता दे की जब तक भारत पर मुगल शासकों का शासन था, तब तक उनके वंशज ताजमहल पर अपना हक जताते थे, लेकिन इसके बाद जब देश में ब्रिटिश शासन आया तो उन्होंने इस पर शासन करना शुरू किया।

लेकिन जैसे ही देश आज़ाद हुआ, भारत सरकार ने 2826 ऐसे बड़े नामचीन स्थानों का संचालन शुरू कर दिया, जिनमें आगरा का ताज महल और दिल्ली का लाल किला भी शामिल है। आजकल इन ऐतिहासिक धरोहरों की देखभाल पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग यानी एएसआई के हाथ में है।

ताज महल की बात करें तो शाहजहां ने इस खूबसूरत महल का निर्माण कार्य 1638 में शुरू किया था और 12 मई 1639 में जाकर पूरा हुआ। निर्माण के बाद शाहजहां ने इस खूबसूरत किले को अपने बेटे दाराशिकोह को सौंप दिया। ताजमहल शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में 1632 में बनवाया था, जो आज पूरी दुनिया में मशहूर है। ताज महल इतना सुंदर और अद्भुत है कि यह सात अजूबों में शामिल है।

ताजमहल का इतिहास इन हिंदी (Taj Mahal History In Hindi)

पर्यटन की दृष्टि से ताज महल को बहुत अच्छा माना जाता है। ताज महल उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित है। ताज महल का निर्माण – 1653 में मुगल शासक शाहजाह ने अपनी पसंदीदा बेगम मुमताज महल (अरजुमंद बानो बेगम) की याद में इस खूबसूरत इमारत का निर्माण कराया था।

1631 ई. में शाहजहाँ ने चारों ओर अपनी विजय पताका फहरा दी थी। उनकी सभी पत्नियाँ उनके लिए खास थीं लेकिन उनमें से एक जिसका नाम मुमताज महल था, वह उनसे बहुत प्यार करते थे। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि मुमताज महल की मृत्यु उनके 14वें बच्चे के जन्म के दौरान ही हो गई थी।

मुमताज महल ने जिस बच्चे को जन्म दिया उसका नाम गौहर बेगम था। शाहजहाँ का शासनकाल 1628 ई. से 1658 ई. तक रहा। शाहजाह ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में ताज महल बनवाया था। ताज महल का निर्माण कार्य 1632 ई. में शुरू हुआ था।

शाहजहाँ का मानना था कि वह अपने प्यार की निशानी के तौर पर दुनिया के सामने ऐसी मिसाल पेश करे कि आने वाले समय में दुनिया उसे याद रखे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इस अनोखी इमारत को तैयार करवाया।

शाहजाह चाहते थे कि इस इमारत को बनाने के लिए एक ऐसा कारीगर बुलाया जाए जो शिल्पकला में माहिर हो, इसके लिए बगदाद से एक कारीगर बुलाया गया था। ताज महल के निर्माण से पहले कुशल कारीगरों की जांच शुरू हो गई थी, जिनमें से कुछ ही कारीगरों को इस काम के लिए चुना गया और 20,000 मजदूरों के साथ इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया।

ताज महल का निर्माण कार्य पूरा होने में 22 वर्ष से अधिक का समय लगा। ताज महल के निर्माण कार्य में सफेद रंग के पत्थरों का प्रयोग किया गया था। इसके निर्माण कार्य के लिए ऐसे कई पत्थर अलग-अलग देशों से लाए गए थे। ताज महल को एक गुंबद के आकार में ढाला गया है, इसका मुख्य गुंबद 60 फीट ऊंचा और 80 फीट चौड़ा है।

ताज महल के बारे में रोचक

  • ताज महल कुतुबमीनार से भी ऊंचा है जबकि लोगों को बताया गया है कि कुतुबमीनार सबसे ऊंचा है।
  • शाहजाह ने ताज महल को बनाने वाले कारीगरों के हाथ कटवा दिये थे क्योंकि वह नहीं चाहता था कि ताज महल जैसी कोई और इमारत बने।
  • कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ताज महल को शाहजहाँ ने नहीं बनवाया था। ताज महल एक हिंदू मंदिर था, जिसे शाहजहाँ ने एक मकबरे में बदल दिया।
  • 1983 में, ताज महल को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया था।
  • ताज महल आकर्षण का एक बड़ा केंद्र है, यही कारण है कि हर साल 50 से 60 लाख पर्यटक यहां ताज महल देखने आते हैं।
  • ताज महल के निर्माण कार्य के लिए सामग्री परिवहन के लिए एक हजार से अधिक हाथियों का उपयोग किया गया था।
  • ताज महल का रंग दिन और रात में बदलता रहता है। इसके पीछे का कारण सूरज की रोशनी है। जब सूरज की रोशनी ताज महल पर पड़ती है तो वह गुलाबी रंग का दिखाई देता है।
  • ताज महल का निर्माण कार्य लगभग 32 मिलियन रुपये की लागत से पूरा हुआ था।

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