सुकन्या समृद्धि योजना के नुकसान – सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) की शुरुआत केंद्र सरकार ने की थी। इस योजना की शुरुआत ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत की गई थी। सुकन्या समृद्धि खाता भारत में बेटियों के माता-पिता के लिए है। इसमें टैक्स-फ्री रिटर्न भी मिलता है। हालांकि, कई कारणों से सुकन्या समृद्धि योजना आपकी बेटी के भविष्य के लिए सुरक्षित नहीं है। जानिए किन कारणों से आपको इस योजना में निवेश नहीं करना चाहिए?
सुकन्या समृद्धि योजना क्या है?
सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक लोकप्रिय बचत और निवेश योजना है। यह योजना बेटियों की भविष्य की वित्तीय या आर्थिक सुरक्षा के लिए बनाई गई है। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत बेटियों के लिए एक निवेश खाता खोलने की सुविधा प्रदान की जाती है, जिसमें उनकी शिक्षा, विवाह या अन्य जरूरतों के लिए धन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए नियमित निवेश किया जाता है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों की भविष्य की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत एक निश्चित समय में अपनी बेटी के लिए निवेश करने का विकल्प मिलता है। इसमें निवेश राशि पर ब्याज दर सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है, जिसे समय-समय पर बदला जा सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खोलने की पात्रता कुछ निर्दिष्ट मानदंडों के अनुसार है। इस योजना के तहत निवेश की शुरुआती राशि और निवेश की अवधि सीमित है, और इसके नियमों और शर्तों का पालन करना जरुरी है।
इस योजना के तहत निवेश राशि पर ब्याज दर सालाना लागू होती है, जिसे सरकार समय-समय पर निर्धारित करती है। निवेश राशि और ब्याज दर को लेकर यहां व्यवस्थितता और सुरक्षा है, जो निवेशकों को वित्तीय सुरक्षा का आश्वासन देती है।
सुकन्या समृद्धि योजना एक महत्वपूर्ण कदम है जो बेटियों को उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। यह भारतीय अपनी बेटियों के भविष्य की देखभाल करने के लिए एक सुरक्षित, सरल और उपयोगी निवेश विकल्प है।
सुकन्या समृद्धि योजना के नुकसान – Sukanya Samriddhi Yojana Ke Nuksan In Hindi
सुकन्या समृद्धि योजना में फिलहाल 8 फीसदी की ब्याज दर मिल रही है। हालांकि, ये ब्याज दरें हर तीन महीने बाद बदल जाती हैं। अगर आप शिक्षा और शादी के खर्च जैसे लक्ष्यों के चलते यह योजना लेते हैं तो यह बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए काफी नहीं हो सकता है। इस योजना का रिटर्न महंगाई को मात देने में सक्षम नहीं है।
इस योजना की अवधि 21 साल है। लंबी अवधि में महंगाई को मात देने का सबसे अच्छा तरीका इक्विटी निवेश है। यानी अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो आपको सुकन्या समृद्धि योजना के साथ-साथ इक्विटी में भी निवेश करना चाहिए। शुरुआत में आपको सुकन्या समृद्धि योजना में कम और इक्विटी में ज्यादा निवेश करना होगा। जिस लक्ष्य के लिए आपने यह योजना ली है, उसके पूरा होने के बाद आपको कुछ समय पहले सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश बढ़ा देना चाहिए और इक्विटी में निवेश कम कर देना चाहिए।
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत अकाउंट पर कुछ प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। ये प्रतिबंध निवेशक के अनुकूल नहीं हैं। खाते में जमा हुए राशि का उपयोग सिर्फ शिक्षा और शादी के खर्च के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा पूरी राशि वही रहती है।
इस योजना में इन्वेस्ट करने पर आपका पैसा लंबे समय तक ब्लॉक रहता है। जब बेटी की आयु 21 वर्ष हो जाती है तो अकाउंट मैच्योर हो जाता है। जब बेटी 18 साल की हो जाती है तो सिर्फ 50 फीसदी राशि ही निकाली जा सकती है। यह राशि सिर्फ बेटी की शिक्षा के लिए ही निकाली जा सकती है, यानी लंबे समय तक पैसा ब्लॉक रहता है। अगर आप इक्विटी में निवेश करते हैं, तो आप कभी भी अपना पैसा निकाल सकते हैं।
सुकन्या समृद्धि खाते की अवधि 21 साल है। हालांकि, इसमें जमा राशि केवल पहले 15 साल के लिए ही की जाती है।
सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश की सीमा 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष है। इसका मतलब है कि अगर आपका निवेश इस सीमा से ज़्यादा है, तो आपको अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलेगा।
सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश की अवधि 21 साल है, जिसका मतलब है कि आप लंबे समय तक निवेश नहीं निकाल सकते। इसका मतलब है कि अगर आपको अपने पैसे की तत्काल ज़रूरत है, तो आपको इस निवेश से पैसे निकालने में कठिनाई हो सकती है।
एक परिवार में दो बेटी के लिए सिर्फ़ दो ही सुकन्या समृद्धि खाता खोला जा सकता है। इसका मतलब है कि अगर आपकी दो से ज़्यादा बेटियाँ हैं, तो आपको सिर्फ़ दो बेटी के लिए ही इस योजना का लाभ मिलेगा।
ब्याज दरें समय-समय पर बदलती रहती हैं और घट भी सकती हैं। अधिक ब्याज की उम्मीद के साथ निवेश करने के बावजूद, यदि ब्याज दरें गिरती हैं, तो निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
किसी भी योजना में पैसा लगाने से पहले आपको उसमें कुछ मिनिमम बैलेंस रखना होता है। इसी तरह इस योजना में भी मिनिमम बैलेंस रखने का एक मापदंड है। सुकन्या समृद्धि योजना में आपको सालाना न्यूनतम ₹250 निवेश करना होता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको ₹50 का जुर्माना देना होता है। आप जितने सालों तक उस मिनिमम बैलेंस के मापदंड को पूरा नहीं करते हैं, उतने सालों तक आपको 50 रुपये के गुणकों में जुर्माना जमा करना होता है। यानी अगर आप 2 साल तक मिनिमम बैलेंस नहीं रखते हैं तो आपको ₹50 + ₹50 = ₹100 का जुर्माना जमा करना होता है।
इस स्कीम में पैसा लगाने के लिए आपकी बेटी की उम्र 10 साल से कम होनी चाहिए। अगर आपकी बेटी 10 साल से बड़ी है तो यह स्कीम आपके लिए नहीं है। यह बात याद रखें।
इस योजना में 21 साल की मैच्योरिटी पूरी होने के बाद आपको पैसे निकालने होते हैं और अकाउंट बंद करना होता है। आप उस सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट को आगे नहीं बढ़ा सकते। दरअसल, सरकार की कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जिनमें लॉक-इन पीरियड पूरा होने के बाद भी अकाउंट को आगे बढ़ाया जा सकता है। लेकिन सुकन्या समृद्धि योजना में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है।
इन नुकसानों के बावजूद, सुकन्या समृद्धि योजना एक महत्वपूर्ण और प्रभावी बचत योजना है जो बेटियों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करती है। यह एक अच्छा निवेश विकल्प हो सकता है, लेकिन निवेश करने से पहले समझौते और नियमों की जांच कर लेनी चाहिए।