Sub Divisional Magistrate In Hindi – डीएम, एसडीएम, कलेक्टर, कमिश्नर देश के सबसे प्रतिष्ठित पद कहे जाते हैं। हर युवा प्रशासनिक सेवा के इन पदों पर चयनित होना चाहता है। हालांकि, इन पदों पर चयनित होना इतना आसान नहीं है। लाखों में से कोई एक ही इन पदों पर सफल हो पाता है।
आज हम बात करेंगे कि एसडीएम की। एसडीएम तहसील क्षेत्र के अंतर्गत होने वाले सभी प्रशासनिक कार्य उसकी देखरेख में होते हैं। एसडीएम बनने के लिए राज्य प्रशासनिक परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट होना चाहिए। तो आइये जानते है एसडीएम क्या होता है (SDM Kya Hota Hai) –
एसडीएम का मतलब और फुल फॉर्म – SDM Meaning In Hindi And SDM Full Form In Hindi
एसडीएम का पूरा नाम यानी फुल फॉर्म- सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (Sub Divisional Magistrate) है, और इसे हिंदी भाषा में “उप प्रभागीय न्यायाधीश” कहा जाता है। एसडीएम का पद एक बड़ा पद है, इसलिए इसे कई विशेष शक्तियां दी गई हैं।
एसडीएम एक वरिष्ठ अधिकारी होता है जो अपने जिले में प्रशासन, विकास, न्याय और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है। इसके साथ ही एसडीएम कानून व्यवस्था बनाए रखने, आंसू गैस के गोले दागने, कर्फ्यू लगाने और अन्य कानूनी कार्यों के लिए अनुमति भी दे सकता है। वहीं प्रमाण पत्र बनाने, विवाह के कागजात जारी करने आदि का काम भी एसडीएम करता है।
सब डिविजनल मजिस्ट्रेट यानी एसडीएम कौन होता है (Sub Divisional Magistrate In Hindi)
एसडीएम को सब डिविजनल मजिस्ट्रेट के नाम से भी जाना जाता है। सब डिविजनल मजिस्ट्रेट भारतीय प्रशासनिक सेवा कैडर की सिविल सेवा या राज्य प्रशासनिक सेवा कैडर का राज्य सिविल सेवा अधिकारी होता है। इसे भू-राजस्व एकत्र करने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) एक राज्य सरकार का अधिकारी होता है। यह जिले के एक विशिष्ट उपखंड के तहत प्रशासनिक और कानूनी मामलों की देखरेख करते हुए कार्यकारी, राजस्व और मजिस्ट्रियल शक्तियों का प्रयोग करता है।
इसके अलावा यूपीएससी या राज्य लोक सेवा आयोग से चुने गए भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी अपने प्रशिक्षण के दौरान एसडीएम के रूप में काम करते हैं। उन्हें कई राज्यों में असिस्टेंट कलेक्टर कम सब डिविजनल मजिस्ट्रेट या असिस्टेंट कमिश्नर के नाम से भी जाना जाता है। सब डिविजनल मजिस्ट्रेट को दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के तहत कई कार्यकारी मजिस्ट्रेट की भूमिकाएँ निभानी होती हैं।
एसडीएम कैसे बनें (SDM Kaise Bane In Hindi)
एसडीएम बनने के लिए आप राज्य द्वारा आयोजित पीसीएस परीक्षा (राज्य लोक सेवा आयोग) में शामिल हो सकते हैं। इस परीक्षा को तीन भागों में बांटा गया है – प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार।
एसडीएम बनने के लिए आपको इन तीनों परीक्षाओं को पास करना होगा, उसके बाद आप एसडीएम बन सकते हैं।
दूसरा, आप यूपीएससी, सीएसई परीक्षा के जरिए भी एसडीएम बन सकते हैं। इसे भी 3 भागों में बांटा गया है -प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार।
एसडीएम बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता —
एसडीएम का पद चाहने वाले उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक उत्तीर्ण होना चाहिए।
इस पद के लिए आवेदन करने वाले सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 40 वर्ष होनी चाहिए। अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 45 वर्ष होनी चाहिए। इसके अलावा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 45 वर्ष होनी चाहिए। विकलांग उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 55 वर्ष होनी चाहिए।
एसडीएम के कार्य —
एसडीएम यानी सब डिविजनल मजिस्ट्रेट जिले के सभी भूमि लेनदेन की देखरेख करते हैं। जिले की सभी भूमि का लेखा-जोखा एसडीएम के अधीन आता है।
सभी तहसीलदार एसडीएम के अधीन आते हैं या यह कहा जा सकता है कि एसडीएम का सब डिवीजन के सभी तहसीलदारों पर नियंत्रण होता है।
इसके अलावा एसडीएम का काम विवाह पंजीकरण करवाना, विभिन्न प्रकार के पंजीकरण करवाना, विभिन्न प्रकार के लाइसेंस जारी करना, नवीनीकरण करवाना, राज्यों में लोकसभा और विधानसभा के सदस्यों का चुनाव करवाना आदि है।
इसके अलावा एक एसडीएम दंड प्रक्रिया संहिता 1973 और कई अन्य छोटे-मोटे अधिनियमों के तहत विभिन्न न्यायिक कार्य भी करता है।
एसडीएम का वेतन –
एसडीएम का वेतनमान 9300-34800 रुपये और ग्रेड पे 5400 रुपये है। एसडीएम का शुरुआती वेतन 56100 रुपये तक होता है।
एसडीएम को मिलने वाली सुविधाएं —
एसडीएम को सरकारी आवास, सुरक्षाकर्मी, घरेलू काम के लिए हेल्पर, सरकारी वाहन, एक टेलीफोन कनेक्शन, मुफ्त बिजली, आधिकारिक यात्रा के दौरान आवास मिलता है।