कामायनी किसकी रचना है, कामायनी किस युग की रचना है – Kamayani Kis Yug Ki Rachna Hai

Kamayani Kiski Rachna Hai – भारत की इस दिव्य भूमि पर कई महान लेखक और कवि हुए हैं, उन्ही में से एक है कामायनी के रचनाकर यानी लेखक। जिनके बारे में हम आपको आगे जानकारी देने जा रहे है।

आज के इस लेख में आप जानेगे की कामायनी किसकी रचना है, कामायनी किस युग की रचना है? तो आइये जानते है कामायनी के लेखक कौन है (Kamayani Ke Lekhak Kaun Hai) –

कामायनी किसकी रचना है, कामायनी किस युग की रचना है (Kamayani Kiski Rachna Hai, Kamayani Kis Yug Ki Rachna Hai)

कामायनी जयशंकर प्रसाद की रचना है। प्रसाद जी ने हिंदी भाषा में कामायनी नामक महाकाव्य लिखा है। कामायनी प्रसाद जी की अंतिम रचना है जो 1936 ई. में प्रकाशित हुई थी।

कामायनी छायावादी युग की काव्य-कृति (काव्यकला) का प्रतीक है जिसे ‘चिन्ता’ से ‘आनन्द’ तक 15 सर्गों में विभाजित कर मानव मन की आंतरिक भावनाओं को इस प्रकार उकेरा गया है कि मानव जीवन के प्रारम्भ से लेकर अब तक के मनोवैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक विकास का इतिहास भी स्पष्ट हो जाता है। कामायनी के 15 सर्ग इस प्रकार हैं –

1) चिन्ता 2) आशा 3) श्रद्धा 4) काम 5) वासना 6) लज्जा 7) कर्म 8) ईर्ष्या 9) इड़ा (तर्क, बुद्धि) 10) स्वप्न 11) संघर्ष 12) निर्वेद (त्याग) 13) दर्शन 14) रहस्य 15) आनन्द।

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