कहानी और उपन्यास में अंतर (कहानी उपन्यास में अंतर) – Kahani Or Upanyas Me Antar

Kahani Aur Upnyas Mein Antar – कहानी और उपन्यास दोनों ही साहित्य का हिस्सा हैं। कहानी और उपन्यास में अंतर है और दोनों मिलकर साहित्य को बहुत मजबूत और आकर्षक बनाते हैं। हमारा भारतीय साहित्य कहानी और उपन्यास पर आधारित है। कहानी उपन्यास से छोटी होती है, लेकिन दोनों की अपनी-अपनी विशेषता और महत्व है। कहानी और उपन्यास प्राचीन काल से लिखे जाते रहे हैं। दोनों का अपना-अपना महत्व है और दोनों का एक-दूसरे से अलग महत्व है। कहानी और उपन्यास में कोई पांच अंतर बताइए (Kahani Or Upanyas Me Antar) –

कहानी और उपन्यास में अंतर (कहानी उपन्यास में अंतर) – Kahani Aur Upnyas Mein Antar

कहानी और उपन्यास दोनों की दशा और दिशा अलग-अलग है, दोनों अलग-अलग तरीके से सृजन करते हैं। लेकिन दोनों का मूल साहित्य एक ही है। कहानी और उपन्यास का अपना-अपना इतिहास है। भारत के प्राचीन काल से ही कहानी और उपन्यास ने साहित्य की दृष्टि से अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाए रखा है। वर्तमान समय में भले ही साहित्य का आकर्षण कम हो गया हो, लेकिन कहानी और उपन्यास आज भी उपयोगी हैं। बता दें कि कहानी और उपन्यास मिलकर साहित्य में बहुत बड़ा योगदान देते हैं। कहानी और उपन्यास में कई तरह की समानताएं और कई तरह के अंतर हैं। कहानी और उपन्यास में अंतर इस प्रकार है –

1) कहानी छोटी होती है जबकि उपन्यास बड़ा होता है।

2) कहानी कम समय सीमा की होती जाती है जबकि उपन्यास विस्तृत होता है।

3) कहानी में पात्रों की संख्या कम होती है और उसका वर्णन कम शब्दों में होता है। उपन्यास में पात्रो की संख्या अधिक होती है और उसका वर्णन अधिक शब्दों में किया जा सकता है।

3) कहानी में संवाद कम होते हैं और संवाद कुछ ही शब्दों में होते हैं। उपन्यास में संवाद अधिक शब्दों में होते हैं, जिनकी संख्या भी अधिक होती है।

4) किसी भी घटना का उल्लेख करके कहानी लिखी जा सकती है। उपन्यास चित्रों और पात्रों के आधार पर उसका वर्णन करके लिखा जाता है।

5) कहानी किसी स्थान या समय से जुड़ी होती है। उपन्यास सदियों और युगों से जुड़ा होता है।

6) कहानी में एक ही कहानी या घटना का उल्लेख होता है। उपन्यास में कई तरह के विषय और रंग रूप देखे जा सकते हैं।

कहानी क्या है?

कहानी शब्द का अर्थ है “कुछ कहना, शब्दों में व्यक्त करना”। किसी घटना, स्थान, व्यक्ति, दुर्घटना, वाक्य या किसी विषय का कुछ शब्दों में वर्णन करना कहानी कहलाता है।

कहानी कुछ समय में समाप्त हो जाती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई घटना घटी है, तो उस पर कहानी लिखी जाती है। इसलिए इसे कुछ शब्दों में और कम समय में सुनाया जाता है।

हमारे साहित्य में कहानी का बहुत महत्व है। कहानियों से साहित्य का निर्माण होता है या हम यह कह सकते हैं कि हमारे साहित्य में कहानियों की बहुत बड़ी भूमिका है।

कहानी किसी भी समय या विषय वस्तु या व्यक्ति के बारे में हो सकती है। इसीलिए आज तक भारत में करोड़ों कहानियाँ प्रचलित हैं। कहानियों की कई किताबें हैं, जिनमें अलग-अलग क्षेत्रों और विषयों से जुड़ी कहानियाँ लिखी गई हैं।

कहानियों का चलन हमारे दैनिक जीवन से जुड़ा हुआ है। भारत में प्राचीन काल से ही कहानियाँ चलती आ रही हैं। इतिहासकार किसी घटना, व्यक्ति या विषय वस्तु पर कहानियाँ लिखते थे, कहानी किसी भी स्थान पर भी लिखी जा सकती है। इसीलिए हमें बचपन से ही कहानियाँ सुनाई और पढ़ाई जाती हैं।

उपन्यास क्या है?

उपन्यास का मतलब किसी बड़ी घटना, व्यक्ति, विषय वस्तु या स्थान के बारे में विस्तार से बताना होता है। उसके अंश को जागृत करना उपन्यास कहलाता है।

उपन्यास कहानी की तुलना में बहुत अधिक विस्तार से लिखा जाता है। जहाँ कहानी को कम समय में सुनाया जा सकता है, वहीं उपन्यास को समाप्त करने में बहुत समय लगता है।

उपन्यास किसी भी स्थान का विस्तार से वर्णन करता है। उस स्थान का अस्तित्व, उस स्थान की सुंदरता, उस स्थान का इतिहास, उस स्थान पर किए गए कार्य, उस स्थान पर मौजूद सभी विषय, पेड़-पौधे, मनुष्य, भूमि, जल कल्याण से जुड़ी हर बात को विस्तार से दर्ज किया जाता है।

हमारे साहित्य में उपन्यास का बहुत बड़ा योगदान है। हमारा साहित्य उपन्यासों के आधार पर जाना जाता है। प्राचीन काल से ही कई कवियों और लेखकों ने उपन्यास लिखे हैं। वर्तमान समय में भी कई उपन्यास लिखे गए हैं। उपन्यासों पर आधारित कई किताबें उपलब्ध हैं।

उपन्यास हमारे भारत का वर्णन करते हैं। वे भारत की संस्कृति का वर्णन करते हैं। वे भारत के अर्थ का वर्णन करते हैं। वे भारत की विविधता का भी वर्णन करते हैं।

 

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