कबड्डी में कितने खिलाड़ी होते हैं (Kabaddi Mein Kitne Khiladi Hote Hai)

Kabaddi Mein Kitne Khiladi Hote Hain – कबड्डी एक पुराना भारतीय खेल है जो अपने भौगोलिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है, और आज भी भारतीय खेलों में इसका महत्व है। कबड्डी खेलने से खिलाड़ी स्वस्थ रहते हैं और अकेलेपन से दूर रहते हैं, साथ ही उनमें सामूहिक जिम्मेदारी और सहयोग की भावना भी पैदा होती है। तो आइये जानते है कबड्डी में कितने प्लेयर होते हैं (Kabaddi Me Kitne Player Hote Hai) –

कबड्डी में कितने खिलाड़ी होते हैं (Kabaddi Mein Kitne Khiladi Hote Hain In Hindi)

कबड्डी मैच में प्रत्येक टीम में सात खिलाड़ी होते हैं। टीम की बेंच पर तीन से पांच सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी होते हैं। सभी सात खिलाड़ी टीम में डिफेंस भी खेलते हैं। इनमें से कुछ खिलाड़ियों को रेडर और डिफेंडर के नाम से जाना जाता है। रेडर टीम के लिए अंक हासिल करने की कोशिश करते हैं जबकि डिफेंडर अपनी टीम को विपक्षी टीम के हमलों से बचाने का प्रयास करते हैं।

कबड्डी में 7 खिलाड़ी होते हैं। लेकिन कबड्डी टीम में 12 खिलाड़ी चुने जाते हैं, इन 12 खिलाड़ियों में से केवल 7 खिलाड़ी ही खेलने के लिए मैदान में उतरते हैं। दोनों टीमों के 7-7 खिलाड़ी खेलने के लिए मैदान में उतरते हैं। 12 खिलाड़ियों में से 5 खिलाड़ी अतिरिक्त होते हैं, जिन्हें खेल के दौरान बदला जा सकता है।

कबड्डी के बारे में —

कबड्डी का मैच आमतौर पर 40 मिनट (20 मिनट के दो हाफ) तक चलता है।मैच की शुरुआत टॉस से होती है, जिसमें दो टीमों के बीच एक सिक्का फेंका जाता है, और जीतने वाली टीम चुन सकती है कि पहले कौन रेड करेगा या कौन डिफेंड करेगा।

कबड्डी का मैच दो टीमों के बीच खेला जाता है, जिसमें एक टीम के रेडर विपक्षी कोर्ट में जाते हैं और दूसरी टीम के स्टॉपर उन्हें पकड़ने की कोशिश करते हैं।

अगर स्टॉपर किसी खिलाड़ी को पकड़ लेता है, तो उसकी टीम को एक अंक मिलता है। अगर रेडर बिना पकड़े अपने कोर्ट में वापस चला जाता है, तो उसकी टीम को भी एक अंक मिलता है।

कबड्डी मैच में 12 खिलाड़ी (12 Player) होते हैं, जिनमें से 7 कोर्ट में खेलते हैं, जबकि 5 रिजर्व होते हैं। कबड्डी कोर्ट की माप 13 मीटर × 10 मीटर रहती है।

कबड्डी खेलने का तरीका —

कबड्डी सबसे पहले हमारे देश भारत में खेली गई थी। इस खेल को खेलने के लिए एक आयताकार मैदान बनाया जाता है और मैदान को एक लाइन से दो भागों में विभाजित किया जाता है, जिसके बाद इस मैदान के अंदर यह खेल खेला जाता है।

जब भी कबड्डी का खेल शुरू होता है, तो अंपायर टॉस को उछालता है, अब टॉस जीतने वाले को रेड करने का मौका दिया जाता है। रेड में टीम का खिलाड़ी दूसरी टीम के कोर्ट में जाता है। जिसके लिए उसके पास 29 सेकंड होते हैं। अब जब वह विपरीत टीम के कोर्ट में जाता है और वहां से किसी को छूकर वापस आता है, तो दूसरी टीम का खिलाड़ी आउट हो जाता है।

और जितने खिलाड़ी आउट होते हैं, पहली टीम को उतने ही अंक मिलते हैं। और अगर वही रेडर दूसरी टीम के खिलाड़ी द्वारा पकड़ा जाता है, तो ऐसी स्थिति में दूसरी टीम को अंक मिलते हैं। और रेडर को आउट घोषित कर दिया जाता है।

रेडर के पास दो मौके होते हैं जिसमें वह खाली रेड करने के बाद भी वापस आ सकता है। लेकिन अगर वह तीसरी बार कोई अंक नहीं बनाता है, तो ऐसी स्थिति में उसे आउट घोषित कर दिया जाता है। कबड्डी का खेल कुल 40 मिनट का होता है। इन 40 मिनटों में जो टीम सबसे ज़्यादा अंक बनाती है, वह जीत जाती है।

कबड्डी का खेल कहाँ और कब शुरू हुआ?

कबड्डी का खेल हमारे देश भारत में 4000 साल पहले शुरू हुआ था। इस खेल की शुरुआत तमिलनाडु राज्य में हुई थी। जानकारी के अनुसार, ऐसा पाया गया है कि पुराने समय के पुरुष और महिलाएँ इस खेल को इसलिए खेलते थे ताकि वे अपनी ताकत दिखा सकें। तमिलनाडु से शुरू होकर आज यह खेल पूरी दुनिया में खेला जाता है और कबड्डी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खेला जाता है, और यह खेल एशियाई खेलों में भी शामिल है।

कबड्डी खेल का मैदान कैसा होता है?

कबड्डी खेल के लिए अलग-अलग तरह के मैदान बनाए जाते हैं। मैदान बनाने से पहले देखा जाता है कि मैदान नरम और समतल है या नहीं। इसके बाद इस बात का ध्यान रखा जाता है कि मैदान को किस आकार का रखना है।

पुरुष और महिला दोनों के लिए अलग-अलग मैदान बनाए जाते हैं। अगर महिलाओं के मैदान की बात करें तो लंबाई 11 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर होती है, जबकि पुरुषों के लिए मैदान की लंबाई 12.50 मीटर व चौड़ाई 10 मीटर रहती है।

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