Green House Prabhav Kya Hai In Hindi – जैसा कि आप सभी जानते हैं कि यदि हमारे पर्यावरण में ग्रीनहाउस गैस की मात्रा बढ़ जाती है, तो कई प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं और घटनाएं होती हैं। इसका खामियाजा इंसानों के अलावा पशु-पक्षियों को भी भुगतना पड़ता है। यही कारण है कि ग्रीनहाउस का प्रभाव हमारे पर्यावरण के लिए बहुत खतरनाक है।
लेकिन जहाँ एक तरफ ग्रीनहाउस पर्यावरण के हानिकारक है, वही दूसरी तरफ ग्रीनहाउस पर्यावरण के लिए फायदेमंद भी है। अगर जलवायु को संतुलित रखना है तो सभी को ग्रीनहाउस प्रभाव के बारे में जागरूक होना पड़ेगा। इसलिए, इस लेख में हम आपको ग्रीनहाउस प्रभाव से जुड़ी सभी बातों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
हरितगृह प्रभाव क्या है / ग्रीन हाउस किसे कहते हैं, ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है – Green House Prabhav Kya Hai In Hindi
ग्रीन हाउस प्रभाव जिसे हरित गृह प्रभाव के नाम से जाना जाता हैं, एक प्रकार की प्रत्यय प्रक्रिया है जिसके माध्यम से किसी भी ग्रह के उपग्रह के वायुमंडल में उपस्थित कुछ गैसें वायुमंडल के तापमान को अपेक्षा से अधिक गर्म कर देती हैं, जिसके कारण कई प्रकार की गंभीर समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। इन ग्रीनहाउस गैसों में कार्बन डाइऑक्साइड, जलवाष्प, मीथेन आदि शामिल हैं।
ग्रीन हाउस परिभाषा – Green House Prabhav Ki Paribhasha In Hindi
वायुमंडल में गर्मी को रोकने का काम करने वाली गैसों के मिश्रण को ग्रीनहाउस गैस कहते हैं। ग्रीनहाउस प्रभाव का मुख्य कारण ग्रीनहाउस गैसें हैं, लेकिन हर दिन ग्रीनहाउस गैसों में बढ़ोतरी हो रही है, जिसकी वजह से धरती का तापमान बढ़ रहा है, ग्लेशियर पिघल रहे हैं और समुद्र में अनावश्यक पानी बढ़ रहा है। वायुमंडल में बढ़ रही इन ग्रीनहाउस गैसों को संतुलित करने की जरूरत है।
धरती पर संतुलित तापमान बनाए रखने और पेड़-पौधों के लिए ग्रीनहाउस जरूरी है। ये गैसें सूर्य से आने वाली हानिकारक किरणों से भी बचाती हैं। इन गैसों का इस्तेमाल ऊर्जा के तौर पर किया जाता है। ग्रीनहाउस प्रभाव का नुकसान यह है कि अगर यह बढ़ता है तो इसका मौसम पर गहरा असर पड़ता है। इस असर का असर अर्थव्यवस्था पर भी दिखता है। तापमान बढ़ने की वजह से दुनिया के वैश्विक उत्पादन में 2-3 फीसदी की कमी आ सकती है।
ग्रीन हाउस प्रभाव को समझाइए / ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण (Green House Effect In Hindi Language)
जीवाश्म ईंधन हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनका व्यापक रूप से परिवहन और बिजली उत्पादन में उपयोग किया जाता है। जीवाश्म ईंधन को जलाने से कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है। जनसंख्या में वृद्धि के साथ, जीवाश्म ईंधन का उपयोग बढ़ गया है। इससे वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों की रिहाई बढ़ गई है।
उर्वरकों में इस्तेमाल होने वाला नाइट्रस ऑक्साइड वायुमंडल में ग्रीनहाउस प्रभाव के योगदानकर्ताओं में से एक है।
पौधे – पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं व ऑक्सीजन छोड़ते हैं। पेड़ों की कटाई के चलते ग्रीनहाउस गैसों में काफी वृद्धि होती है जिससे धरती (पृथ्वी) का तापमान बढ़ता है।
उद्योग और कारखाने हानिकारक गैसों का उत्पादन करते हैं जो वायुमंडल में उत्सर्जित होती हैं।
लैंडफिल से कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन भी निकलते हैं जो ग्रीनहाउस गैसों में शामिल हैं।
ग्रीन हाउस प्रभाव के लाभ
ग्रीनहाउस प्रभाव पृथ्वी पर तापमान की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है जिसके कारण आप पृथ्वी पर रह पाते हैं।
ग्रीनहाउस गैसें हानिकारक सौर विकिरणों को पृथ्वी की सतह तक पहुँचने से रोकती हैं।
ग्रीनहाउस गैसों में ओजोन एक महत्वपूर्ण ग्रीनहाउस गैस है, जिसके माध्यम से हानिकारक पराबैंगनी किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुँच पाती हैं।
ग्रीनहाउस प्रभाव पृथ्वी पर पानी के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। क्योंकि इसके माध्यम से पृथ्वी पर तापमान नियंत्रित रहता है जिसके कारण पृथ्वी पर मौजूद बर्फ पिघलती नहीं है। ध्रुवीय बर्फ की टोपियां ध्रुवीय क्षेत्रों तक ही सीमित रहती हैं।
ग्रीनहाउस प्रभाव के नुकसान
ग्रीनहाउस गैस में वृद्धि के कारण ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके कारण पृथ्वी पर तूफान, भूकंप, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएँ शुरू हो जाएँगी।
ग्रीनहाउस गैस के कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन पूरी पृथ्वी पानी में डूब जाएगी, ऐसी स्थिति में पृथ्वी पर सभी जीवों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
क्लोरोफ्लोरोकार्बन, मीथेन, कार्बन-डाइऑक्साइड आदि ग्रीनहाउस गैसों के जमा होने से समताप मंडल में ओजोन परत का क्षरण हो रहा है। ऐसी स्थिति में पैरा वायलेट किरणें पृथ्वी तक पहुँच सकती हैं जो त्वचा कैंसर की वजह बन सकती हैं।
ग्रीन हाउस गैसें, ग्रीन हाउस गैस कौन सी है – Green House Gas Name In Hindi
- जलवाष्प (Vapour H2O)
- कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
- मीथेन (CH4)
- Ozone (O3)
- नाइट्रस ऑक्साइड (N2O)
- नाइट्रोजन ट्राईफ्लोराइड (NF3)
FAQs
ग्रीनहाउस गैसें कितनी हैं?
इनमें कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), मीथेन (CH4), नाइट्रस ऑक्साइड (N2O), हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFCs), परफ्लोरोकार्बन (PFCs), सल्फर हेक्साफ्लोराइड (SF6) शामिल हैं।