Ek Garib Kisan Ki Kahani – यह कहानी एक किसान से सम्बंधित है, जिसे एक जादुई बक्सा मिलता है, जिससे उसकी किस्मत चमक जाती है, लेकिन अंत में यह बक्सा बड़ी मुसीबत ले आता है। तो आइये जानते है एक गरीब किसान की कहानी (A Poor Farmer Story In Hindi) –
एक गरीब किसान की कहानी (Ek Garib Kisan Ki Kahani In Hindi)
एक गांव में एक किसान रहता था, जिसका नाम रमेश था। रमेश बहुत ही गरीब था, और उसकी जीविका का साधन एक छोटा खेत था। रमेश छोटे से खेत में खेती किया करता था।
वह दिनभर अपने खेत में काम करता था, और शाम को अपने घर लौट जाता था। कुछ दिनों बाद एक दिन बहुत ही भयंकर गर्मी पड़ रही थी, लेकिन किसान रमेश फिर भी बाकि दिनों की तरह ही अपने खेत में काम कर रहा था।
खेत में काम करते करते वह पसीने से लतपत हो चूका था, लेकिन फिर भी खेत में हल चलाए जा रहा था। हल चलाते चलाते खेत में जुताई करते वक्त रमेश को हल के नीचे से एक लकड़ी का बक्सा मिला।
उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की इस बक्से में क्या है? उसने उस बक्से को उठाकर खेत के बाहर मेढ़ पर रखा दिया, और फिर खेती में जुत गया।
बाद में उसने देखा की यह बक्सा तो खाली है, इसलिए उसने अपनी दोपहर की रोटियां उसमे रख दी, और वापस अपना काम करने लगा। थोड़ी देर बाद जब किसान रमेश खाना खाने आता है, तो वह देखता है की उसने बक्से में जो रोटियां रखी थी, वे तो बहुत सारी हो गयी।
यह सब देख किसान को बहुत आश्चर्य हुआ, और उसने सोचा की यह तो एक जादुई बक्सा है, जिसमे जो भी चीज डालो वह कई गुना हो जाती है। जो भी चीजे उस बक्से की अंदर डाली जा रही थी, वह कई गुना हो रही थी।
अब रमेश दोपहर का भोजन कर लेता है, उसके बाद फिर से अपने काम में लग जाता है। जब शाम को रमेश घर के लिए लोटता है, तो वह उस बक्से को भी अपने साथ ले आता है। आज किसान बहुत खुश था, क्योंकि उसकी किस्मत जो खुल गयी थी, उसे लगा की अब उसकी गरीबी दूर हो जाएगी।
अब किसान उस बक्से से अपनी आवश्यकताओ को पूरा करता है, लेकिन कभी भी जरूरत से ज्यादा नहीं लेता है। लेकिन कुछ दिनों बाद उस बक्से के बारे में गांव के जमींदार को पता चला जाता है।
जमींदार स्वाभाव से एक लालची व्यक्ति था, उसने सोचा की मै इस गाँव का जमीदार हूँ, और मेरे जमीदारे के अंतर्गत आने वाली किसी भी वस्तु पर पहला अधिकार तो मेरा ही है।
इसके बाद जमींदार के आदेश पर उसके कुछ आदमी उस किसान के घर पहुंच जाते है, और किसान को पड़कर जमींदार के पास ले आते है। फिर जमींदार द्वारा किसान को धमकाया जाता है, और उससे वह बक्सा देने के लिए कहा जाता है।
जमींदार किसान से कहता है तुम्हारा खेत मेरी जमींदारी का हिस्सा है, इसलिए इस बक्से पर पहला मेरा अधिकार बनता है। जमीदार की बात सुनकर किसान डरते हुए बोलता है की मालिक भले ही जमींदारी आपकी हो, पर उस खेत पर तो खेती मै करता हूं, इसलिए उस बक्से पर तो मेरा अधिकार है।
अब जमींदार समझ गया की यह किसान ऐसे मानने वाला नहीं है, उसने किसान को धमका कर उससे बक्सा छीन लिया। अब बेचारे किसान के पास रोने के अलावा कोई चारा नहीं था, लेकिन बक्सा लेकर जमींदार तो काफी खुश हो गया।
जमींदार तो लालची था, बक्सा पाते ही उसने बहुत सारी वस्तुएं हासिल कर ली थी, और मजे की जिन्दगी काट रहा था। लेकिन थोड़े दिन बाद कुछ लोगों द्वारा इस बक्से के बारे में मंत्री जी को बता दिया जाता है, जिसके बाद मंत्री द्वारा अपने एक आदमी को भेज कर उस बक्से बारे में पता करवाया जाता है।
जब उस मंत्री को के आदमी को बक्से की सच्चाई पता लगता है, तब वह मंत्री को सारी सचाई बता देता है। जिसके बाद मंत्री तुरंत जमींदार को बुलवाता है, और जमींदार से वह बक्सा देने के लिए कहता है।
जमींदार, मंत्री से हाथ जोड़कर विनती करता है की वह यह बक्सा न ले, इसे मेरे पास ही रहने दे। लेकिन मंत्री एक नहीं सुनता है और कहता है की अगर तुमने मुझे वह बक्सा नहीं दिया तो मैं तुम्हारी जमींदार खत्म करवा दूंगा। जिसके बाद जमींदार को वह बक्सा देना ही पड़ा।
अब यह बक्सा मंत्री के पास चला जाता है, जिसे पाकर मंत्री खुश हो जाता है। लेकिन जल्द ही यह बात मंत्री के विरोधियों के काने पड़ जाती है, और इस सचाई के बारे में मंत्री के विरोधी राजा को बता देते है।
जब राजा को इस बात के बारे में पता चलता है, तो राजा तुरंत अपने सेनापति के साथ मंत्री के घर पहुंच जाता है, और मंत्री से कहता है की इस पूरे देश की जमीन पर पहला अधिकार मेरा है, इसलिए अब से इस बक्से पर मेरा अधिकार है। इसलिए इस तुरंत बक्सा को तुरंत राजमहल भिजवा दो।
बेचारा अब मंत्री क्या कर सकता है, उसने राजा की बात मानी और सेनापति को बक्सा सौप दिया। बक्सा पाकर राजा ने पहले तो धन बढ़ाया और सुख सुविधाएं बढ़ाई।लेकिन कुछ दिनों के बाद राजा को बक्से की चिंता होने लगी, राजा को डर सताने लगा की इसे कोई चुरा ना ले। इसलिए राजा उस बक्से को अपने साथ रखने लगा।
एक दिन राजा के मन में यह ख्याल की इस बक्से में ऐसा क्या है? आखिर इसका रहस्य पता लगाया जाए। ऐसा सोचकर राजा बक्से का रहस्य पता लगाने के लिए उसमे जाकर बैठ जाता है, लेकिन जब बाहर निकलता है तो उसमे से एक नहीं बल्कि अनेको को राजा निकलकर बाहर आते है, जिसे देखकर लोग समझ नहीं पाते है की असली राजा कौन है?
अब तो सभी राजा आपसे में राज्य करने के लिए लड़ने लगे। अब इस बात के बारे में किसान को पता चलता है तो वह बहुत दुखी हो जाता है। वह सोचता है की अगर मैं उस बक्से को फिर से जमीन में गाड़ देता तो अच्छा रहता।
सीख – कोई भी काम बिना सोच विचारे, और जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए। कोई भी काम करने से पहले एक बार उसके फायदे और नुकसान के बारे में सोचा लेना चाहिए, जिससे की किसी भी बड़ी मुसीबत से बचा जा सके।