दुनिया में सबसे गंदा धर्म कौन सा है – Duniya Mein Sabse Ganda Dharm Kaun Sa Hai

दुनिया में सबसे गंदा धर्म कौन सा है – दुनिया में दस हजार से भी ज्यादा धर्म हैं, इनका पालन करने वालों की संख्या भी अरबों-खरबों में है। दुनिया में सबसे ज़्यादा लोग ईसाई धर्म को मानते हैं, जो कुल आबादी का 31% है। मालूम हो कि यह धर्म पूरी तरह ईसा मसीह के जीवन और शिक्षाओं पर आधारित है। इसकी स्थापना करीब 2 हज़ार साल पहले हुई थी। ईसाई धर्म ग्रंथ बाइबिल के मुताबिक ईसा मसीह ने खुद को ईश्वर का पुत्र बताया है।

लेकिन क्या आप जानते है दुनिया में सबसे गंदा धर्म कौन सा है? अगर नहीं तो आज के हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़े। तो आइये जानते है दुनिया में सबसे गंदा धर्म कौन सा है –

दुनिया में सबसे गंदा धर्म कौन सा है – Duniya Mein Sabse Ganda Dharm Kaun Sa Hai

दुनिया में कोई भी धर्म गंदा नहीं होता है। गंदे होते है वो लोग जो उस धर्म को गन्दा बनाने में लगे रहते है। धर्म कभी नहीं कहता है की किसी के साथ बुरा व्यवहार, मास खाओ, नशा करो, किसी को मारो-पीटो। यह सब बस लोगो की करनी है, जिसकी सजा जरुर मिलती है।

दुनिया के प्रमुख धर्म —–

दुनिया की लगभग 80 प्रतिशत आबादी केवल कुछ ही धर्मों पर केंद्रित है। जो इस प्रकार हैं – ईसाई धर्म, इस्लाम, हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, चीनी पारंपरिक धर्म, अफ्रीकी पारंपरिक धर्म, यहूदी धर्म, सिख धर्म और जैन धर्म।

कई आँकड़ों के अनुसार, दुनिया में मौजूद ज़्यादातर लोग किसी न किसी धर्म या समुदाय से जुड़े हुए हैं। वहीं, दुनिया में नास्तिक लोगों की संख्या भी बहुत है। नास्तिक वे लोग होते हैं जो किसी भी धर्म को नहीं मानते।

ईसाई धर्म

अगर हम ईसाई धर्म की बात करें, तो इस समय ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या दुनिया में सबसे ज़्यादा है। ईसाई धर्म के अनुयायी (लोग) दुनिया के अधिकांश देशों में रहते हैं। जिनकी कुल संख्या लगभग 2.38 बिलियन है जो दुनिया की कुल आबादी का 31.11% है। ईसाई धर्म की शुरुआत लगभग 2000 साल पहले हुई थी, जो ‘ईसा मसीह’ के जीवन और शिक्षाओं को मानता है। आपको बता दें कि यह धर्म ‘यहूदी धर्म’ से विकसित हुआ और बाद में यह धर्म इतना लोकप्रिय हुआ कि यह दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बन गया।

इस्लाम धर्म

अगर इस्लाम की बात करें तो यह धर्म दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। दुनिया भर में इस्लाम के कुल अनुयायियों (लोगों) की संख्या लगभग 1.9 बिलियन है जो दुनिया की कुल आबादी का 24.9% है। इस्लाम किसी भी अन्य धर्म की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रहा है। और साल 2050 तक दुनिया में इस्लाम के अनुयायी सबसे अधिक होंगे। इस्लाम की शुरुआत 7वीं शताब्दी में मक्का से हुई थी और इस धर्म के संस्थापक पैगंबर मुहम्मद थे। इसके अलावा इस धर्म के लोगों का मानना ​​है कि पैगंबर मुहम्मद अल्लाह के आखिरी पैगंबर थे।

नास्तिक या गैर-धार्मिक

जहां पूरी दुनिया में लोग किसी न किसी धर्म से जुड़े हुए हैं, वहीं दुनिया की आबादी में नास्तिकों की भी कमी नहीं है जो लगभग हर देश में पाए जाते हैं। अगर नास्तिकों की कुल आबादी की बात करें तो इनकी संख्या करीब 1.19 अरब है जो दुनिया की कुल आबादी का 15.58% है।

हिंदू धर्म

अगर हिंदू धर्म की बात करें तो यह धर्म दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। आपको बता दें कि हिंदू धर्म के 80% लोग सिर्फ ‘भारत’ में रहते हैं। इसके अलावा हिंदू दुनिया के दूसरे देशों (नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम आदि) में भी रहते थे। अगर हिंदू धर्म की कुल जनसंख्या की बात करें तो यह लगभग 1.16 अरब है जो कि विश्व की कुल जनसंख्या का 15.16% है।

अगर हिंदू धर्म की शुरुआत की बात करें तो इसका कोई ठोस प्रमाण सामने नहीं आता है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि हिंदू धर्म की उत्पत्ति लगभग 4000 साल पहले हुई थी। इसी वजह से इस धर्म को दुनिया का सबसे पुराना धर्म भी माना जाता है।

बौद्ध धर्म

अगर बौद्ध धर्म की बात करें तो पूरी दुनिया में बौद्ध धर्म के कई अनुयायी (लोग) हैं। इस धर्म की स्थापना ‘महात्मा गौतम बुद्ध’ ने अपनी सच्ची शिक्षाओं के आधार पर की थी, जिनका जन्म एशिया महाद्वीप में हुआ था। इसी कारण से एशिया महाद्वीप में सबसे अधिक बौद्ध पाए जाते हैं। इस धर्म के अनुयायियों की कुल संख्या लगभग 50.6 करोड़ है, जो विश्व की कुल जनसंख्या का 5.06% है।

अगर बौद्ध धर्म की विशेषताओं की बात करें तो यह पंचशील का पालन करता है। जिसमें यह धर्म सत्य (झूठ न बोलना), अहिंसा (हिंसा न करना), अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य (व्यभिचार न करना) और अपरिग्रह (नशीले पदार्थों का सेवन न करना) का पालन करता है।

अफ्रीकी पारंपरिक धर्म और जातीय धर्म

अगर हम अफ्रीकी पारंपरिक धर्मकी बात करें तो इस समूह में विभिन्न जातीय या धार्मिक समुदाय शामिल हैं जो सीधे अफ्रीका से संबंधित हैं। इस समुदाय की दुनिया भर में लगभग 40 करोड़ की आबादी है जो दुनिया की कुल आबादी का 4.2% है।

चीनी पारंपरिक धर्म

अगर हम चीनी पारंपरिक धर्म की बात करें तो नाम से ही पता चलता है कि यह धर्म चीन में मौजूद है। इस धर्म के अनुयायियों की कुल संख्या लगभग 39.4 करोड़ है जो दुनिया की कुल आबादी का 4.1% है।

सिख धर्म

सिख धर्म के अनुयायी मुख्य रूप से भारत में रहते हैं। इसके अलावा, सिखों की संख्या पूरी दुनिया (कनाडा, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका आदि) में देखी जाती है। अगर हम सिख धर्म की कुल आबादी की बात करें तो यह लगभग 2.6 करोड़ है जो दुनिया की कुल आबादी का 0.30% है। अगर हम सिख धर्म की विशेषताओं की बात करें तो यह दान देने में विश्वास करता है, जाति व्यवस्था का विरोध करता है, आत्मा की अमरता में विश्वास करता है और मूर्ति पूजा का विरोध करता है।

यहूदी धर्म

यहूदी धर्म की बात करें तो इसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली धर्म माना जा सकता है क्योंकि इसकी सबसे अधिक आबादी इजरायल में है, जो एक छोटा देश होने के साथ-साथ एक शक्तिशाली देश भी है। यहूदी धर्म की कुल जनसंख्या लगभग 1.47 करोड़ है जो विश्व की कुल जनसंख्या का 0.18% है।

जैन धर्म

जैन धर्म की उत्पत्ति या विकास भारत में हुआ। यही कारण है कि इस धर्म की अधिकतम जनसंख्या भारत में मौजूद है। दुनिया भर में जैन धर्म को मानने वालों की जनसंख्या लगभग 42 लाख है जो विश्व की कुल जनसंख्या का 0.05% है। जैन धर्म अहिंसा, धर्म में आत्मा के अस्तित्व को मानता है और कर्म के महत्व को स्वीकार करता है।

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