दीपावली या दिवाली पर 10 लाइन हिंदी में (10 Lines On Diwali In Hindi)

Diwali Par 10 Lines In Hindi – दिवाली या दीपावली हिन्दू धर्म के लोगो के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो बड़े उत्साह व धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई, अज्ञानता पर ज्ञान और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक माना जाता है। तो आइये जानते है 10 लाइन दिवाली पर हिंदी में (Diwali 10 Lines In Hindi) –

दिवाली पर 10 लाइन हिंदी में (Diwali Par 10 Lines In Hindi)

1) दिवाली का त्यौहार हिंदुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है।

2) दिवाली को रोशनी का त्यौहार भी कहा जाता है।

3) दिवाली को दीपावली भी कहते हैं और यह हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है।

4) दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

5) दिवाली के दिन लोग अपने घरों को खूब सजाते हैं।

6) दिवाली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास काटने के बाद अयोध्या वापस लौटे थे।

7) श्री राम जी के अयोध्या लौटने की खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीये जलाए थे।

8) दिवाली आने से पूर्व सभी लोग अपने घरों की अच्छे से साफ सफाई करते हैं।

9) दिवाली का त्यौहार करीब पांच दिनों तक मनाया जाता है, जिसमे पहला धनतेरस, दूसरा नरक चतुर्दशी, तीसरा मुख्य दिवाली, चौथा गोवर्धन पूजा और पांचवां भैया दूज।

10) दिवाली का यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक के रूप में मनाये जाने वाला त्यौहार है।

दिवाली पर 10 वाक्य हिंदी में (Diwali 10 Lines In Hindi)

1) दिवाली को दीपावली भी कहते हैं, जो हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला रोशनी का एक प्रमुख त्योहार है।

2) दिवाली या दीपावली का पर्व हर वर्ष हिंदी कैलेंडर के कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।

3) दिवाली का यह त्योहार हर साल ग्रेगोरियन कैलेंडर के अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है।

4) दिवाली मुख्य रूप से एक हिंदू धार्मिक त्योहार है जो पांच दिनों तक भव्य रूप से मनाया जाता है।

5) लोग अपने घरों को अच्छी तरह से साफ करते हैं और उन्हें झालरों, मोतियों और रंगोली से सजाते हैं।

6) दिवाली के दिन, हिंदू लोग अपने घरों में देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की नई मूर्तियाँ स्थापित करते हैं और पूजा करते हैं।

7) दिवाली का त्योहार घरों को दीपों से सजाने के साथ-साथ बच्चों द्वारा खूब आतिशबाजी करने के लिए भी जाना जाता है।

8) इस दिन घरों में तरह-तरह के पकवान और लजीज व्यंजन बनाए जाते हैं और लोग आस-पड़ोस में मिठाइयाँ बाँटते हैं।

9) इस त्यौहार को मनाने के पीछे मुख्य मान्यता यह है कि इस दिन भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण 14 वर्ष के वनवास से लौटे थे।

10) जब भगवान राम वनवास से लौटे थे, तो अयोध्यावासियों ने मिट्टी के दीये जलाकर उनका स्वागत किया था, तभी से यह त्यौहार मनाया जा रहा है।

दिवाली पर निबंध 250 से 300 शब्दों में

भारत में सभी त्यौहारों में दिवाली सबसे लोकप्रिय त्यौहार है जो सभी के दिलों में खुशी और उल्लास लेकर आता है। दिवाली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई, अज्ञानता पर ज्ञान और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक माना जाता है क्योंकि यह त्यौहार लोगों में एक दूसरे के प्रति प्रेम और स्नेह की भावना पैदा करता है।

इस त्यौहार को मनाने के पीछे कई धार्मिक महत्व छिपे हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार दिवाली के दिन अयोध्या के राजा राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। अपने सबसे प्रिय राजा के आगमन से अयोध्या के लोगों का दिल खुशी से भर गया और उन्होंने घी के दीये जलाकर उनके घर लौटने का जश्न मनाया। कार्तिक महीने की अमावस्या की वह रात दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से, रोशनी का यह त्यौहार हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

दिवाली के त्यौहार की तैयारियां दिवाली से कई दिन पहले ही शुरू हो जाती हैं। लोग अपने घरों की साफ-सफाई और रंग-रोगन शुरू कर देते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन साफ-सुथरे घरों में देवी लक्ष्मी निवास करती हैं और अपना आशीर्वाद देकर सुख-समृद्धि बढ़ाती हैं।

दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाना शुरू कर देते हैं। दिवाली का त्यौहार करीब 5 दिनों तक चलता है। जिसके पहले दिन धनतेरस होती है, इस दिन सोने-चांदी के आभूषण या बर्तन आदि खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।

दिवाली के दूसरे दिन नरक चतुर्थी मनाई जाती है। तीसरा दिन दिवाली त्यौहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है। दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध के कारण हुई मूसलाधार बारिश से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था। दिवाली त्यौहार का आखिरी दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली के दिन लोग अपने घरों को दीयों, मोमबत्तियों, मालाओं और रंगोली से सजाते हैं, अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं, दिवाली की शुभकामनाएँ और उपहार देते हैं, स्वादिष्ट भोजन बनाते हैं। पटाखे और फुलझड़ियाँ जलाकर अपनी खुशी का इजहार करते हैं। दिवाली की रात जगमगाती रोशनी से भरी होती है और अनंत और दिव्य आनंद का अनुभव कराती है।

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