Computer Kitne Prakar Ke Hote Hain – कंप्यूटर एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल आज के दौर में बहुत होता है और हर व्यक्ति कंप्यूटर शब्द से परिचित है। लेकिन जब कंप्यूटर के प्रकारों की बात आती है तो शायद ही किसी को इतनी जानकारी हो। बहुत से लोग डेस्कटॉप और लैपटॉप को ही कंप्यूटर समझते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। यह कंप्यूटर का बहुत छोटा रूप है। कंप्यूटर इनसे भी ज्यादा एडवांस और बड़े होते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि डेस्कटॉप, लैपटॉप आदि सबसे छोटे आकार और बेसिक प्रकार के कंप्यूटर में आते हैं। बड़े कंप्यूटर एक हॉल जितने बड़े या उससे भी बड़े आकार के हो सकते हैं। ये विशालकाय कंप्यूटर बहुत शक्तिशाली होते हैं जो विशेष प्रकार के कार्य करते हैं।
तो चलिए आज हम आपको बताते है की कंप्यूटर के प्रकार क्या है, कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है (Computer Ke Prakar In Hindi / Types Of Computer In Hindi) –
कंप्यूटर के प्रकार, कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं उदाहरण सहित समझाइए – Computer Kitne Prakar Ke Hote Hain In Hindi
वैसे तो कंप्यूटर कई प्रकार के होते हैं, लेकिन सभी प्रकार के कंप्यूटर मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित हैं। इस लेख में हमने आपको तीन मुख्य प्रकार के कंप्यूटर के साथ-साथ उनके प्रकार के बारे में जानकारी दी है, ताकि आप सभी प्रकार के कंप्यूटर के बारे में अच्छी तरह से जान सकें।
- एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)
- डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)
- हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)
#1) एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)
एनालॉग कंप्यूटर वे कंप्यूटर होते हैं जिनका उपयोग एनालॉग सिग्नल या भौतिक मात्रा (जैसे तापमान, दबाव, लंबाई, ऊंचाई, आदि) को मापने के लिए किया जाता है। एनालॉग सिग्नल वे सिग्नल होते हैं जिनकी एक निश्चित आवृत्ति और आयाम होता है। एनालॉग कंप्यूटर का उपयोग घरों या दफ़्तरों में नहीं किया जाता है, इनका उपयोग ज़्यादातर चिकित्सा और विज्ञान के क्षेत्र में किया जाता है।
एनालॉग कंप्यूटर की अपनी मेमोरी नहीं होती है, यानी वे पिछले डेटा को स्टोर नहीं करते हैं। एनालॉग कंप्यूटर रियल टाइम डेटा दिखाते हैं और इनपुट सिग्नल के बदलने पर आउटपुट भी बदलता रहता है।
एनालॉग कंप्यूटर के प्रकार –
एनालॉग कंप्यूटर तीन प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार है –
इलेक्ट्रॉनिक एनालॉग कंप्यूटर – ऐसे एनालॉग कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल के रूप में इनपुट लेते हैं और आउटपुट देते हैं।
मैकेनिकल एनालॉग कंप्यूटर – ऐसे एनालॉग कंप्यूटर मैकेनिकल मात्रा के रूप में इनपुट लेते हैं और फिर उसके आधार पर आउटपुट देते हैं।
एनालॉग डिजिटल कंप्यूटर – ऐसे एनालॉग कंप्यूटर एनालॉग सिग्नल के रूप में इनपुट लेते हैं और आउटपुट को डिजिटल रूप में प्रदर्शित करते हैं।
एनालॉग कंप्यूटर के उदाहरण –
थर्मामीटर – थर्मामीटर का उपयोग बुखार मापने के लिए किया जाता है।
स्पीडोमीटर – इसका उपयोग चलती गाड़ी की गति मापने के लिए किया जाता है।
एनालॉग घड़ी – दैनिक जीवन में समय देखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली घड़ी।
सीस्मोमीटर – सीस्मोमीटर का उपयोग भूकंप की तीव्रता मापने के लिए किया जाता है।
वोल्टमीटर – वोल्टमीटर का उपयोग वोल्टेज मापने हेतु किया जाता है।
#2) डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)
डिजिटल कंप्यूटर वे कंप्यूटर होते हैं जो बाइनरी भाषा (0 और 1) पर काम करते हैं। इन्हें आधुनिक समय के कंप्यूटर भी कहा जाता है। डिजिटल कंप्यूटर में इनपुट डिवाइस और आउटपुट डिवाइस होते हैं। उपयोगकर्ता इनपुट डिवाइस की मदद से कंप्यूटर को इनपुट देते हैं और फिर डिजिटल कंप्यूटर इनपुट डिवाइस को प्राप्त करके प्रोसेस करते हैं और आउटपुट डिवाइस के माध्यम से परिणाम दिखाते हैं।
डिजिटल कंप्यूटर मुख्य रूप से गणितीय संख्याओं की गणना करने के लिए डिज़ाइन किए गए थे, इसलिए इन्हें कंप्यूटर भी कहा जाता है, लेकिन आधुनिक डिजिटल कंप्यूटर बहुत उन्नत हैं, ये केवल गणना तक ही सीमित नहीं हैं। इनका उपयोग कई तरह के उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
डिजिटल कंप्यूटर का उपयोग दैनिक जीवन के कार्यों के लिए भी किया जाता है, इन कंप्यूटरों की अपनी स्टोरेज क्षमता होती है। यूजर अपने टास्क को स्टोर कर सकता है और साथ ही डिजिटल कंप्यूटर की प्रोसेसिंग स्पीड भी बहुत तेज होती है।
डिजिटल कंप्यूटर के प्रकार –
डिजिटल कंप्यूटर मुख्य रूप से 4 प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार है –
माइक्रो कंप्यूटर – माइक्रो कंप्यूटर आकार में बहुत छोटे होते हैं, इसमें CPU की जगह माइक्रोप्रोसेसर होता है। इस कंप्यूटर को आप डेस्क पर रखकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। माइक्रो कंप्यूटर पर एक बार में एक ही व्यक्ति काम कर सकता है, इसलिए इन्हें पर्सनल कंप्यूटर भी कहा जाता है। लैपटॉप, टैबलेट, एंड्रॉयड स्मार्टफोन, नोटबुक आदि सभी माइक्रो कंप्यूटर के अंतर्गत आते हैं।
मिनी कंप्यूटर – मिनी कंप्यूटर माइक्रो कंप्यूटर से आकार में बड़े होते हैं, इनकी कार्य क्षमता और गति भी माइक्रो कंप्यूटर से अधिक होती है। एक मिनी कंप्यूटर पर एक बार में अधिकतम 200 लोग काम कर सकते हैं। मिनी कंप्यूटर के उदाहरण हैं – IBM’s AS/400e, Apple Mac Mini, Honeywell200, आदि।
मेनफ्रेम कंप्यूटर – मेनफ्रेम कंप्यूटर माइक्रो कंप्यूटर और मिनी कंप्यूटर से आकार में बड़े होते हैं। एक सामान्य मेनफ्रेम कंप्यूटर 2000 वर्ग फीट से लेकर 10000 वर्ग फीट तक का क्षेत्र कवर कर सकता है। इनकी कार्य क्षमता, गति, स्टोरेज सभी कुछ इन दोनों कंप्यूटर से कहीं ज़्यादा है। मेनफ्रेम कंप्यूटर के कुछ उदाहरण हैं – IBM Z सीरीज, तियानहे-1A, जगुआर, आदि।
सुपर कंप्यूटर – सुपर कंप्यूटर ऊपर बताए गए तीनों कंप्यूटर की तुलना में आकार में सबसे बड़े होते हैं, जिन पर एक समय में हज़ारों लोग काम करते हैं। सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल खास तरह के काम करने के लिए किया जाता है। ये कंप्यूटर जटिल से जटिल गणनाओं को भी कुछ ही सेकंड में हल कर सकते हैं। सुपर कंप्यूटर के उदाहरण हैं – फुगाकू, परम सिद्धि-एआई, समिट, तियानहे, आदि।
#3) हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computers)
हाइब्रिड कंप्यूटर वे कंप्यूटर होते हैं जो डिजिटल कंप्यूटर और एनालॉग कंप्यूटर दोनों के तौर पर काम कर सकते हैं, या दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसे कंप्यूटर जिनमें डिजिटल और एनालॉग दोनों के गुण होते हैं, उन्हें हाइब्रिड कंप्यूटर कहते हैं। हाइब्रिड कंप्यूटर इनपुट के तौर पर एनालॉग और डिजिटल दोनों सिग्नल ले सकते हैं और आउटपुट के तौर पर दोनों सिग्नल दे सकते हैं।
हाइब्रिड कंप्यूटर ज़्यादा सटीकता और तेज़ी से नतीजे देने में सक्षम होते हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल ज़्यादातर बहुत जटिल गणनाओं के लिए किया जाता है। हाइब्रिड कंप्यूटर की कीमत भी बहुत ज़्यादा होती है।
हाइब्रिड कंप्यूटर के प्रकार –
हाइब्रिड कंप्यूटर भी 3 तरह के होते हैं, जो इस प्रकार है –
बड़े इलेक्ट्रॉनिक हाइब्रिड कंप्यूटर – ये हाइब्रिड कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े होते हैं. इनका इस्तेमाल बहुत जटिल गणनाओं के लिए किया जाता है, जैसे कि मानव प्रतिरक्षा प्रणाली, रासायनिक प्रतिक्रियाएँ आदि।
सामान्य प्रयोजन हाइब्रिड कंप्यूटर – इस तरह के हाइब्रिड कंप्यूटर का इस्तेमाल सामान्य प्रयोजन के कामों को पूरा करने के लिए किया जाता है। ये कंप्यूटर एक साथ कई कामों को तेज़ गति से करने में सक्षम होते हैं।
विशेष प्रयोजन हाइब्रिड कंप्यूटर – इस तरह के हाइब्रिड कंप्यूटर का इस्तेमाल खास तरह की समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है। इन कंप्यूटर में पहले से ही खास समस्याओं को हल करने के लिए प्रोग्राम फिट किए जाते हैं।