अकबर के कितने बेटे थे, अकबर के पुत्र का नाम – Akbar Ka Beta Kaun Tha (Akbar Ke Bete Ka Naam)

Akbar Ke Kitne Bete The – इतिहास में अकबर को मुगल साम्राज्य का सबसे शक्तिशाली शासक माना जाता है। इतिहासकार अकबर के बारे में लिखते हैं कि अकबर बहुत बुद्धिमान और चतुर शासक था, जिसने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी लड़ाइयाँ जीतीं और कई राज्यों पर कब्ज़ा किया।

अकबर ने अपने शासनकाल में भारत के बहुत बड़े क्षेत्र को मुगल सल्तनत के अधीन कर लिया था। भारत में मुगल सल्तनत की स्थापना बाबर ने की थी। बाबर बहुत क्रूर और निर्दयी शासक था, अकबर उसी बाबर का पोता था।

अकबर की राजधानी दिल्ली थी। अकबर राजधानी दिल्ली में बैठकर ही बड़ी-बड़ी लड़ाइयों की योजना बनाता था। वह हमेशा इस बात पर चर्चा करता था कि किस लड़ाई में किसे भेजना है और लड़ाई कैसे जीती जाएगी। अकबर हमेशा लोगों को आपस में लड़वाकर राज्य को अपने नियंत्रण में रखता था।

अकबर ने राजपूतों को आपस में लड़ाकर कई राज्यों को अपने अधीन कर लिया था। इसके अलावा उसने कई हिंदू राजाओं को हिंदू शासकों के खिलाफ युद्ध में भेजकर भी फायदा उठाया। अकबर का शासनकाल मुगल इतिहास का स्वर्णिम काल माना जाता है।

क्योंकि अकबर ने अपने शासनकाल में आधे से ज्यादा भारत पर कब्जा कर लिया था। खासकर दक्षिण भारत और उत्तर भारत में मेवाड़ साम्राज्य को छोड़कर लगभग पूरा भारत अकबर के अधीन आ गया था।

अकबर पूरे भारत को मुगल सल्तनत के अधीन करना चाहता था और एक सम्राट के तौर पर शासन करना चाहता था, लेकिन उसका यह सपना कभी पूरा नहीं हो सका। अकबर ने सात शादियां की थीं। अकबर की 7 पत्नियां थीं, जिनसे उसे शासक के तौर पर सलीम नाम का बेटा हुआ, जो बाद में जहांगीर के नाम से मुगल शासक बना।

अकबर के कितने बच्चे थे, अकबर के पुत्र का नाम – Akbar Ke Kitne Bete The

अकबर के तीन बेटे थे, जिनके नाम सलीम, मुराद और दानियाल थे। इन तीनो में अकबर को अपने सबसे बड़े बेटे सलीम से बहुत लगाव था। अकबर सलीम को मुगल साम्राज्य का अगला शासक मानता था। इसीलिए अकबर हमेशा अपने बेटे सलीम को हर तरफ से मदद करता था और उसे कई तरह की कलाएँ सिखाता था।

अकबर सलीम को शासन प्रणाली सिखाता था और शासन कैसे करना है, इसकी भी जानकारी देता था। लेकिन सलीम हमेशा अकबर के खिलाफ जाता था, फिर भी अकबर ने सलीम को माफ कर दिया।

सलीम —

सलीम मुगल शासक अकबर का सबसे बड़ा बेटा था। सलीम का जन्म 31 अगस्त 1569 को हुआ था। बाद में सलीम इतिहास में जहाँगीर के नाम से मशहूर हुआ और मुगल साम्राज्य का चौथा शासक बना।

अकबर सलीम को “शेखबाबा” कहकर पुकारता था। अकबर शुरू से ही सलीम से बहुत प्यार करता था और उसे अपना उत्तराधिकारी मानता था। लेकिन सलीम हमेशा अकबर के खिलाफ जाता था और ऐसे काम करता था जो अकबर को पसंद नहीं थे, फिर भी अकबर उसे माफ कर देता था।

मुराद मिर्ज़ा —

अकबर के दूसरे बेटे मुराद मिर्ज़ा का जन्म 7 जून 1570 को हुआ था। मुराद बचपन से ही युद्ध कला में निपुण थे। उन्होंने कई सैन्य उपाधियाँ हासिल की थीं। मुराद मिर्ज़ा ने बेगम हबीबा बानो से शादी की थी।

अकबर ने मुराद को 1593 में दक्षिणी क्षेत्र का सैन्य अधिकारी नियुक्त किया था। मुराद बहुत शराब पीते थे, वे हमेशा नशे में रहते थे। इसी कारण 12 मई 1599 को लाहौर किले में उनकी मृत्यु हो गई।

दानियाल मिर्ज़ा —

अकबर के तीसरे और सबसे छोटे बेटे दानियाल मिर्ज़ा थे। दानियाल का जन्म राजस्थान के अजमेर में हुआ था। दानियाल हिंदी और फ़ारसी भाषाओं के जानकार थे। दानियाल मिर्ज़ा ने सात शादियाँ की थीं।

दानियाल को कला का विशेष शौक था। दानियाल को दक्षिणी क्षेत्र का गवर्नर बनाया गया था। इस दौरान उन्होंने कई तरह के काम किए लेकिन 19 मार्च 1605 को उनकी मृत्यु हो गई।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के लेख में हमने आपको पूरी जानकारी के साथ बताया है कि अकबर के बेटे का नाम क्या है?, अकबर के कितने बेटे हैं? इसके अलावा अकबर के सभी बेटों के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से दी गई है।

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