What Is MBA Chai Wala Full Form – एमबीए चाय वाला का फुल फॉर्म क्या है?

What Is MBA Chai Wala Full Form – देश का हर व्यक्ति अपनी सुबह की शुरुआत चाय से करता है। इसके बाद दोपहर और शाम तक चुस्कियों का सिलसिला जारी रहता है। हर नुक्कड़, चौराहे और दफ्तरों के बाहर चाय की दुकानों पर भीड़ लगी रहती है। चाय की इसी अहमियत को ध्यान में रखते हुए एक लड़के ने करोड़ों का कारोबार खड़ा कर दिया। तो आइये जानते है एमबीए चाय वाला का फुल फॉर्म क्या है, और एमबीए चाय वाला कौन है (What Is Full Form Of MBA Chai Wala) –

एमबीए चाय वाला का फुल फॉर्म क्या होता है – What Is MBA Chai Wala Full Form

एमबीए चाय वाला का फुल फॉर्म है – मिस्टर बिल्लौर अहमदाबाद (Mr Billore Ahmedabad). एमबीए चाय वाला के मालिक – प्रफुल बिल्लोरे है।

प्रफुल बिल्लोरे हमेशा से ही एमबीए करना चाहते थे, लेकिन कई प्रयासों के बावजूद वे कैट परीक्षा पास नहीं कर पाए। उन्होंने इसके लिए बहुत मेहनत की और असफल प्रयासों के बाद निराश हो गए।

इसके तुरंत बाद उन्होंने चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद जैसे अलग-अलग शहरों में कुछ नया तलाशना शुरू किया, लेकिन उन्हें कुछ नहीं सूझ रहा था। फिर उन्होंने अहमदाबाद में मैकडॉनल्ड्स में डिलीवरी बॉय के तौर पर काम करना शुरू किया, जहां उन्हें प्रति घंटे करीब 37 रुपये मिलते थे। कुछ दिनों बाद उनका प्रमोशन हो गया और वे वेटर बन गए।

मैकडॉनल्ड्स में काम करते हुए उन्हें एक आइडिया आया और उन्होंने सोचा कि जब विदेशी कंपनियां हमारे देश में बर्गर बेचकर इतना कमा सकती हैं, तो क्यों न हमारा कोई ऐसा उत्पाद चुना जाए जो पूरे देश को जोड़े। काफी सोचने के बाद वे इस नतीजे पर पहुंचे कि सिर्फ चाय ही ऐसी है जो हर जगह कॉमन है, उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से लेकर पश्चिम तक हर कोई चाय पीता है।

इस आइडिया के बाद प्रफुल ने अपना खुद का कैफे शुरू करने का फैसला किया, लेकिन उनके पास इसके लिए पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने छोटी शुरुआत करने के बारे में सोचा और इसके बाद उन्होंने एक चाय की दुकान खोलने का फैसला किया। इसके लिए भी उसे बर्तन, स्टॉल और दूसरी चीजों की जरूरत थी, इसलिए इसके लिए उसे अपने पिता से झूठ बोलकर पैसे लेने पड़ते थे।

प्रफुल सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक मैकडॉनल्ड में काम करता था और वापस आने के बाद शाम 7 बजे से रात 11 बजे तक चाय बेचता था। उसका चाय बेचने का तरीका दूसरों से अलग था, क्योंकि वह ग्राहकों से अंग्रेजी में बात करता था। इससे वह लोगों की नजरों में आने लगा और जब उसे अपनी चाय की दुकान से अच्छी कमाई होने लगी तो उसने नौकरी छोड़ दी।

इस दौरान प्रफुल ने एक स्थानीय कॉलेज में एडमिशन ले लिया। कॉलेज में उसने देखा कि छात्र अपना काफी समय बर्बाद कर रहे हैं और भविष्य पर उनका कोई ध्यान नहीं है। यह देखकर प्रफुल ने अपने व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित किया और इसे और आगे बढ़ाने की कोशिश की। जब सब कुछ ठीक चल रहा था, तो वह ईर्ष्या का शिकार हो गया और दुकान बंद हो गई।

इस वजह से प्रफुल ने अहमदाबाद में दूसरी जगह तलाशनी शुरू कर दी। उसने अस्पताल के सामने एक जगह किराए पर ली और इसके लिए उसे हर महीने 10,000 रुपये देने पड़े। उसने नई दुकान का नाम एमबीए चाय वाला रखा, जिसका पूरा नाम था ‘मिस्टर बिल्लोरे अहमदाबाद चाय वाला’। धीरे-धीरे उनका बिज़नेस इतना बढ़ गया कि आज इसका टर्नओवर करोड़ों में है।

एमबीए चाय वाला की कहानी इन हिंदी

एमबीए चायवाला ब्रांड से मशहूर युवा उद्यमी प्रफुल्ल बिल्लौर देश के कई शहरों में चाय परोस रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि प्रफुल्ल खुद चाय बनाना नहीं जानते थे। स्टडी कैफे की रिपोर्ट के मुताबिक प्रफुल्ल ने खुद बताया कि उन्होंने चाय की दुकान शुरू करने के बाद चाय बनाना सीखा। जब वे चाय बेचने के धंधे में उतरे तो शुरुआती दिनों में वे अक्सर अनजाने में चाय की कुछ सामग्री कम या ज्यादा मात्रा में डाल देते थे। लेकिन, धीरे-धीरे अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने पूरे भारत में चाय का करोड़ों का बिज़नेस खड़ा कर दिया।

अहमदाबाद यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान प्रफुल्ल बिल्लौर ने मैकडॉनल्ड्स में पार्ट टाइम जॉब की। जॉब के दौरान प्रफुल्ल को एहसास हुआ कि दूसरों के लिए काम करके वे अमीर नहीं बन सकते, इसलिए उन्होंने अपनी जॉब और पढ़ाई छोड़कर 2017 में अहमदाबाद के एसजी हाईवे पर ठेले पर चाय बेचना शुरू कर दिया।

चूंकि उन्हें पता था कि चाय एक ऐसा पेय पदार्थ है जिसे लोग बड़े चाव से पीते हैं। इसलिए उन्होंने महज 8000 रुपये की पूंजी से यह काम शुरू किया। एमबीए चायवाला शुरू करने के बाद प्रफुल्ल ने अपने स्टार्टअप का विस्तार करना शुरू कर दिया। इसके लिए उन्होंने कई मार्केटिंग रणनीति अपनाई और खुद को एमबीए चायवाला के रूप में स्थापित किया। हालांकि, यहां एमबीए का फुल फॉर्म मिस्टर बिल्लौर अहमदाबाद है।

हालांकि, शुरुआत में प्रफुल्ल के माता-पिता उनके इस कदम से नाराज थे और उनके रिश्तेदार उन पर ताना मारते थे। इसके बावजूद उन्होंने अपने सपनों को पूरा करना जारी रखा। अंग्रेजी बोलने वाले एक व्यक्ति को चाय परोसते देख कई लोग उनके ठेले की ओर आकर्षित हुए।

प्रफुल्ल बिल्लौर ने अहमदाबाद में 2 साल तक चाय का बिज़नेस करने के बाद साल 2019 में भोपाल में अपनी फ्रेंचाइजी के साथ कैफे का विस्तार किया। तब से लेकर अब तक एमबीए चायवाला स्टार्ट-अप हर दिन नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। अब एमबीए चायवाला के देश के अलग-अलग शहरों में 100 से ज्यादा चाय कैफे हैं। TOI की रिपोर्ट के अनुसार, एमबीए चायवाला के देशभर में 200 से अधिक कैफे मौजूद हैं। 8000 से शुरू हुआ ये कारोबार अब 30 करोड़ के टर्नओवर को छू चुका है। इस बिज़नेस से वो हर दिन 1.5 लाख रुपए की कमाई करते हैं।

एमबीए चाय वाला नहीं है एमबीए

एमबीए चाय वाला एमबीए नहीं है। नाम में एमबीए दरअसल मिस्टर बिल्लोरे अहमदाबाद के लिए है, डिग्री के लिए नहीं” है। आपको बता दे की एमबीए चाय वाला के पास कोई एमबीए की डिग्री भी नहीं है।

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