OBC में कौन कौन सी जाति आती है – ओबीसी वर्ग को भारत में एससी/एसटी वर्ग के समान ही सरकार द्वारा विभिन्न आरक्षण लाभ भी दिए जाते हैं। ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत आने वाली सभी जातियों को कई क्षेत्रों में आरक्षण प्रदान किया जाता है और इसके अलावा विभिन्न प्रकार के आर्थिक आरक्षण लाभ भी दिए जाते हैं, साथ ही वीपी सिंह सरकार की सिफारिशों पर, मंडल आयोग ने पहली बार वर्ष 1990 में ओबीसी वर्ग को नौकरी में आरक्षण प्रदान किया था। विभिन्न राज्यों की कई अलग-अलग जातियां ओबीसी श्रेणी में आती हैं, पूरे भारत की कुल आबादी का 42% हिस्सा ओबीसी के अंतर्गत आता है। भारत के संविधान में, ओबीसी को सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग के रूप में नामित किया गया है। तो आइये जानते है OBC में कौन-कौन सी जाति आती है (OBC Caste List In Hindi) –
ओबीसी में कौन सी जाति आती है / OBC में कौन कौन सी जाति आती है – ओबीसी जाति लिस्ट – OBC Me Kitni Jati Hai
ओबीसी श्रेणी को 1979 में मंडल आयोग के सुझाव के आधार पर जोड़ा गया था। इस समूह में आर्थिक रूप से वंचित व्यक्ति शामिल थे। सरकार ने इस श्रेणी से संबंधित लोगों को विशिष्ट लाभ प्रदान करने के लिए उपाय स्थापित किए हैं। ओबीसी श्रेणी सभी के लिए है जिसमें किसान, चरवाहे, मजदूर, गरीब और कोई भी अन्य परिवार शामिल हैं।
ओबीसी एक विशेष जाति वर्ग को संदर्भित करता है, जिसे अन्य पिछड़ा वर्ग भी कहा जाता है, जिसमें कई जातियां शामिल हैं। ओबीसी का पूरा नाम इंग्लिश में अदर बैकवर्ड क्लास (Other Backword Class), जिसे हिंदी में “अन्य पिछड़ा वर्ग” कहा जाता है। ओबीसी में निम्न जाति आती है –
नाइ
कलाल
कलबी
अन्य
साद, स्वामी
स्वर्णकार
सुनार
सोनी
देशवाली
बंजारा
बगारिआ
माली सैनी
बागवान
रावत
सिलावट
भारभुजा
मेर
जनवा,
सिरवी.
लोहार,
पांचाल
पटवा
धीवर
माली
क़ीर
महरा
न्यारिया
ठठेरा
कंसारा
भरावा
रंगरेज़
नीलगर
यादव
लखेरा
मिरासी
धड़ी
दरोगा
रवाना-राजपूत
हज़ूरी
वज़ीर
घांची
राइका
रेबारी
धाकड़
बड़वा
भाट
चरण
सतिया-सिंधी
मेव
दमामी
नगारची
कसाई
राइ-सिख
जांगिड़
खाती
फ़क़ीर
डकौत
देशांतरी
रंगासामी
किराड़
जुलाहा
मोची
छिप्पा
भावसार
खारोल
महा-ब्राह्मण
भटिआरा
गुज्जर, गुर्जर (कुछ राज्यों में)
कंडेरा
पिंजरा
मंसूरी
तेली
कुम्हार
तमोली
हेला
बरी
गडरिए
घोषी
गिरी गोसाईं
सिरकीवाल
गाड़िया-लोहार,
गादोला
मोगीअ
सक्का-भिश्ती
सक़्क़ा-भिश्ती
सिंधी मुसलमान
सिकलीगर
चूनगर
कच्ची,
लोधी
कांबी
दर्ज़ी
जोगी
नाथ
ओबीसी वर्ग के लाभ
ओबीसी वर्ग में आने वाले लोगों को कई तरह के लाभ मिलते हैं, जिसके बारे में नीचे संक्षेप में जानकारी दी गई है।
नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में 27% रिक्तियां ओबीसी वर्ग के लोगों को दी जाती हैं।
ओबीसी वर्ग के लोगों के लिए आयु में छूट का प्रावधान है, यानी जो भी व्यक्ति ओबीसी वर्ग से संबंधित है, उसकी आयु सीमा सरकारी और शैक्षणिक संस्थानों में 3 साल बढ़ जाती है।
ओबीसी वर्ग में आने वाले छात्र अपने स्कूल और कॉलेज से छात्रवृत्ति प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें उनके कुछ पैसे नियमानुसार वापस कर दिए जाते हैं।
इसके अलावा कई ऐसी जातियां हैं, जिन्हें सरकार की ओर से कुछ अन्य छूट दी जाती हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी बातें भी हैं जिन्हें ओबीसी वर्ग में शामिल नहीं किया गया है, जिसके कारण अक्सर विवाद उत्पन्न होता रहता है।
ओबीसी वर्ग को दी जाने वाली सबसे बड़ी छूट सरकारी नौकरियों में रिक्तियों और आयु सीमा में पदोन्नति है, जिससे ओबीसी वर्ग के लोगों को नौकरी मिलना आसान हो जाता है।
FAQs
ओबीसी का पूरा नाम क्या है?
“ओबीसी” का पूरा नाम यानी की फुल फॉर“ अदर बैकवर्ड क्लास (Other Backword Class)” है जिसका हिंदी भाषा में मतलब “अन्य पिछड़ा वर्ग” है। यह एक आरक्षित वर्ग है जिसमें विभिन्न जातियाँ शामिल हैं।
ओबीसी नागरिकों को कितने प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है?
सरकार विभिन्न क्षेत्रों में ओबीसी नागरिकों को 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करती है।
ओबीसी में कौन सी जातियाँ शामिल हैं?
“अन्य पिछड़ा वर्ग” (ओबीसी) राज्य दर राज्य और क्षेत्र में अलग-अलग हो सकता है और इसमें शामिल जातियाँ भी बदल सकती हैं। इसका प्रबंधन काफी हद तक राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है। फिर भी, मैं आपको कुछ सामान्य उदाहरण दे सकता हूँ जो आमतौर पर कुछ राज्यों और क्षेत्रों में ओबीसी श्रेणी में शामिल हैं – यादव, कुर्मी, जाट, गुज्जर, अहीर, कोइरी, सैनी, तेली, कुशवाहा, राजभर, मल्लाह, निषाद, लोध, कहार, कुम्हार, मौर्य, गड़रिया, कहार, मीना और भील। उपरोक्त सूची में कुछ उदाहरण शामिल हैं, लेकिन यह जानकारी समय-समय पर परिवर्तित हो सकती है, साथ ही आपके राज्य या क्षेत्र के आधार पर भी भिन्न भी हो सकती है।