प्यासा कौवा की कहानी (प्यासे कौवे की कहानी) – The Thirsty Crow Story In Hindi

Ek Pyasa Kauwa Ki Kahani Hindi Mein – बचपन में सभी ने अपनी दादी-नानी से कई कहानियाँ सुनी होगी। कहानियाँ न केवल मनोरंजक होती है, बल्कि शिक्षाप्रद भी होती है। तो आइये जानते है प्यासा कौवा की कहानी (The Thirsty Crow Story In Hindi) –

एक प्यासा कौवा की कहानी (एक प्यासे कौवे की कहानी) – Ek Pyasa Kauwa Ki Kahani In Hindi

एक बार की बात है, गर्मियों की चिलचिलाती दोपहर में एक प्यासा कौवा पानी की तलाश कर रहा था, लेकिन उसे कहीं भी पानी नहीं मिल पा रहा था।

इस साल गर्मी के कारण जंगल के सभी पेड़ सूख गए थे और नदियों, तालाबों आदि का पानी भी पूरी तरह सूख गया था। सभी जानवर अपनी प्यास बुझाने के लिए यहाँ-वहाँ पानी की तलाश कर रहे थे।

कौए को बहुत प्यास लगी थी, उसने सोचा कि जंगल के पास थोड़ी दूर पर एक गाँव है, वहाँ जाकर देखता हूँ, शायद वहाँ मुझे पानी मिल जाए।

कौआ जंगल से उड़ता हुआ गाँव में आया। उसने यहाँ-वहाँ पानी की तलाश की, लेकिन उसे कहीं भी पानी नहीं मिला। इतनी दूर से उड़कर आने के कारण उसे और भी प्यास लगी थी। प्यास के कारण उसका गला सूखने लगा था।

उसने सोचा कि चलो एक बार और कोशिश करते हैं। कौआ फिर पानी की तलाश में इधर-उधर घूमने लगा, तभी उसे पानी का एक घड़ा दिखाई दिया।

वह बहुत खुश हुआ, उसने सोचा कि इसमें पानी होना चाहिए। वह तुरंत घड़े के पास पहुंचा। कौए ने पानी के उस घड़े में झांका तो देखा कि पानी बहुत नीचे था। कौए की चोंच उस तक नहीं पहुंच रही थी। कौआ बहुत निराश हुआ, उसने सोचा कि इस पानी को कैसे पीऊं।

थोड़ी देर सोचने के बाद उसे एक विचार आया कि, अगर मैं इस पानी के घड़े में कंकड़ डालूं तो पानी ऊपर आ जाएगा, फिर मैं आसानी से पानी पीकर अपनी प्यास बुझा पाऊंगा।

कौआ इधर-उधर कंकड़ ढूँढने लगा, उसे कुछ दूरी पर कुछ कंकड़ दिखाई दिए। उसने अपनी चोंच में कंकड़ उठाए और उन्हें पानी के बर्तन में डालने लगा। पानी थोड़ा ऊपर आया लेकिन कौए की पहुँच से अभी भी बाहर था।

कौआ वापस कंकड़ों के पास गया और कुछ और पत्थर उठाए। फिर, बर्तन के पास गया और पत्थरों को बर्तन में डाल दिया।

पानी का स्तर और भी बढ़ गया। अब उसने फिर से पानी पीने की कोशिश की, लेकिन फिर भी वह पानी नहीं पी सका।

लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और वह कोशिश करता रहा। वह बार-बार छोटे-छोटे पत्थरों के टुकड़े लाता रहा और उन्हें पानी के बर्तन में डालता रहा। धीरे-धीरे पानी बर्तन में ऊपर तक भर गया। यह देखकर कौआ बहुत खुश हुआ, उसने जल्दी से पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई।

फिर उसने और प्यासे पक्षियों को बुलाया और उन्हें पानी पीने के लिए कहा। कई प्यासे पक्षियों ने पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई और कौए को इस साहसी और चतुराई भरे कार्य के लिए धन्यवाद दिया।

कहानी से सीख – प्यासे कौवे की कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें मुश्किल समय में भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। हमें प्रयास करते रहना चाहिए, निरंतर प्रयास से सफलता अवश्य मिलती है।

10 लाइनों में प्यासा कौवा कहानी (Story Of The Thirsty Crow In Hindi) – Pyasa Kauwa Story In Hindi

1) एक प्यासा कौआ जंगल में पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था।

2) उड़ते-उड़ते वह एक घर की छत पर पहुँच गया।

3) उस घर की छत पर एक मिट्टी का घड़ा रखा हुआ था।

4) जब कौए ने घड़े में झाँका तो उसे उसमें पानी दिखाई दिया।

5) लेकिन पानी इतना कम था कि उसकी चोंच उस तक नहीं पहुँच पा रही थी।

6) तब प्यासे कौए को एक तरकीब सूझी और वह अपनी चोंच में कंकड़ लेकर आया और उन्हें घड़े के अंदर डालने लगा।

7) थोड़ी सी मेहनत के बाद आखिरकार घड़ा कंकड़ों से भर गया।

8) जैसे ही घड़ा कंकड़ों से भर गया, घड़े में पानी भी ऊपर आ गया।

9) तो इस तरह प्यासे कौए ने पानी (Pani) पीकर अपनी प्यास बुझाई।

10) सीख – धैर्य और बुद्धि से हर समस्या का समाधान किया जा सकता है।

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