होम्योपैथिक दवा का असर कितने दिनों में होता है – किसी भी तरह की समस्या के इलाज में होम्योपैथिक उपचार काफी कारगर साबित होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि होम्योपैथी में किसी भी शारीरिक समस्या का जड़ से इलाज किया जाता है, ताकि वह शारीरिक समस्या या बीमारी दोबारा न हो। होम्योपैथी उपचार का असर भले ही धीरे-धीरे होता है, लेकिन इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। हालांकि होम्योपैथी उपचार के समय शुरुआत में रोगी को ज्यादा तकलीफ देखने को मिल सकती है। यही वजह है कि होम्योपैथी डॉक्टर इस दौरान ज्यादा सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं।
आज के समय में होम्योपैथिक दवाइयां भी बहुत प्रचलित हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जो एलोपैथिक दवाइयों की जगह होम्योपैथिक दवाइयां लेना पसंद करते हैं। ऐसा माना जाता है कि होम्योपैथिक दवा लेने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता और यह बीमारी को जड़ से खत्म कर देती है। इसलिए बहुत से लोग कई तरह की बीमारियों के लिए होम्योपैथिक दवाइयां लेना पसंद करते हैं।
होम्योपैथिक दवा का असर कितने दिनों में होता है / होम्योपैथिक दवा कितने दिनों में असर करती है
अगर आप किसी बीमारी के लिए होम्योपैथिक दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह आपकी बीमारी पर निर्भर करता है की आपको कौन सी बीमारी है?अगर आपको कोई जटिल बीमारी है तो होम्योपैथिक दवा को असर करने में 15 से 30 दिन लग सकते हैं, या इससे ज्यादा दिन भी लग सकते हैं।
अगर आपको कोई सामान्य बीमारी है तो होम्योपैथिक दवा का असर 8 से 10 दिन में ही शुरू हो जाता है। इसलिए यह आपकी बीमारी पर निर्भर करेगा कि होम्योपैथिक दवा आप पर कितने दिनों में काम करती है।
इसके अलावा होम्योपैथिक दवा कौन सी है या किस ब्रांड की है, यह भी इस बात पर निर्भर करता है। होम्योपैथिक दवा आप पर कितने दिनों में काम करेगी।
होम्योपैथिक दवा के भी कई ब्रांड होते हैं। जो अलग-अलग कंपनियों द्वारा बनाए जाते हैं। अगर होम्योपैथिक दवा अच्छे ब्रांड की है, तो यह आप पर जल्दी असर करेगी।
होम्योपैथिक दवा कैसे असर करती है (Homeopathic Dawa Kaise Asar Karti Hai)
होम्योपैथिक दवाइयां कई तरह की होती हैं, जैसे होम्योपैथिक दवाइयां मुंह से लेने और सांस के जरिए लेने यानी सूंघने वाली दोनों ही रूपों में उपलब्ध होती हैं। इसके अलावा और भी कई तरह की होती हैं। कुछ लिक्विड फॉर्म में आती हैं, कुछ टैबलेट फॉर्म में आती हैं। लेकिन आज के समय में लिक्विड फॉर्म में होम्योपैथिक दवाइयां ज्यादा प्रचलित हैं। डॉक्टर भी मरीज को लिक्विड फॉर्म में होम्योपैथिक दवाइयां लिखते हैं।
अब बात करते हैं कि यह कैसे काम करती है। कुछ डॉक्टर और विशेषज्ञ कहते हैं कि यह सीधे आपकी बीमारी पर काम करती है। जैसे कुछ बीमारियां दिमाग से जुड़ी होती हैं। इसलिए होम्योपैथिक दवा लेने के बाद दवा सबसे पहले दिमाग को ठीक करेगी। इसके बाद दिमाग से जुड़ी बीमारी जड़ से खत्म हो जाएगी। तो इस तरह से होम्योपैथिक दवा काम करती है।
होम्योपैथिक दवा खाने के बाद अंग्रेजी दवा खा सकते हैं (Homeopathic Dawa Khane Ke Baad English Dawa Kha Sakte Hain)
नहीं, होम्योपैथिक दवा खाने के बाद अंग्रेजी दवा नहीं खा सकते हैं। होम्योपैथिक दवा खाने के बाद अंग्रेजी दवा खाने से होम्योपैथिक दवा का असर कम हो सकता है, या यह काम ही न करे। इसके अलावा इसके नुकसान भी हो सकते है।
होम्योपैथिक का कोर्स कितने दिन का होता है (Homeopathic Ka Course Kitne Din Ka Hota Hai)
होम्योपैथिक का कोर्स बीमारी पर निर्भर करता है, यह बीमारी के अनुसार 10 दिन से लेकर 30 दिन तक हो सकता है। कुछ मामलों में इससे भी ज्यादा समय लग सकता है।
होम्योपैथिक दवा लेने के नियम (Homeopathic Dawa Lene Ke Niyam)
अगर आप होम्योपैथिक दवा ले रहे हैं तो दवा के डिब्बे को ठीक से बंद करके रखें। अगर आप दवा के डिब्बे को ठीक से बंद नहीं करते हैं तो इसका असर खत्म हो जाता है और फिर यह बीमारी पर काम करना बंद कर देता है।
अगर आप होम्योपैथिक दवा ले रहे हैं तो नशीले पदार्थों का सेवन बंद कर दें। अगर आप नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं तो होम्योपैथिक दवा उतना काम नहीं कर पाएगी जितना उसे करना चाहिए।
अगर आप होम्योपैथिक दवा ले रहे हैं तो इसे कभी भी हाथ में पकड़कर नहीं लेना चाहिए। आप इसे डिब्बे के ढक्कन में बंद करके सीधे मुंह में डाल सकते हैं। हाथ में लेने से इसका प्रभाव काफी हद तक कम पड़ जाता है।
होम्योपैथिक दवा लेने से दस मिनट पहले और बाद में आपको कुछ भी नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा ब्रश आदि करने से भी बचना चाहिए।
अगर आप होम्योपैथिक दवा ले रहे हैं तो आपको चाय और कॉफी का सेवन करने से भी बचना चाहिए। जब तक आप होम्योपैथिक उपचार ले रहे हैं, तब तक चाय और कॉफी का सेवन बंद कर दें।
होम्योपैथिक दवा को कभी भी सीधे निगलना नहीं चाहिए। अगर आपके पास होम्योपैथिक दवा गोली के रूप में है तो उसे जीभ के नीचे रखें। गोली अपने आप पिघलकर पेट में चली जाएगी।
अगर आप होम्योपैथिक दवा ले रहे हैं तो खट्टी चीजें खाने से बचें। कुछ दिनों तक खट्टी चीजें खाना बंद कर दें।
क्या होम्योपैथिक दवाइयां कारगर हैं?
अब आपका सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या होम्योपैथिक दवाइयां कारगर हैं? एक मरीज के लिए यह बहुत ही मायने रखता है कि उसकी बीमारी जल्दी ठीक हो जाए। फिर चाहे दवा एलोपैथिक हो या होम्योपैथिक। कई लोग तो एलोपैथिक दवाइयां खा-खाकर थक जाते हैं, इसलिए होम्योपैथी का सहारा लेते हैं।
डॉक्टर के मुताबिक कई लाइलाज बीमारियों में यह कारगर है और इसके सेवन से मरीज को आराम भी मिलता है, लेकिन कोई भी गंभीर बीमारी होने पर आपको एलोपैथी का सहारा लेना चाहिए, लेकिन कई अन्य बीमारियों में आप बिना किसी डर के होम्योपैथी का सहारा ले सकते हैं।
कई बीमारियों में आप होम्योपैथी और एलोपैथी दोनों की सहायता ले सकते हैं। इस दौरान होम्योपैथी एक सहायक दवा के रूप में कार्य करती है। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हार्ट जैसी रोगो में सही डॉक्टर का चुनाव करना बहुत आवश्यक है।