6 Season Name In English And Hindi – भारत एक विविध देश है, जिसमें अलग-अलग मौसम और वातावरण होता है। यहाँ छः मुख्य ऋतुएँ होती हैं, जो भारतीय संस्कृति, कृषि, और जीवनशैली को प्रभावित करती हैं। इस लेख में हम भारत की 6 ऋतुओं के नाम और इनकी सम्पूर्ण जानकारी के बारे में जानेंगे। तो आइये जानते है 6 छह ऋतु के नाम और जानकारी (6 Ritu Ke Naam Aur Jankari)
6 ऋतु के नाम और जानकारी (6 Season Name In English And Hindi)
अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक मौसम को मुख्य तौर पर तीन अलग-अलग मौसम के रूप में बांटा गया है। लेकिन हिन्दू कैलेंडर और भारतीय जलवायु के अनुसार भारत में एक साल में 6 ऋतु आती है, हर ऋतु दो महीने तक चलती है।
भारत के मुख्य त्यौहार भी इन ऋतुओं के अनुसार ही मनाये जाते हैं, जैसे दिवाली जब आती है तो शरद ऋतु का आगमन होता हैं और होली आने पर इस ऋतु का समापन होता है। इस प्रकार ऋतुओं का बदलाव बना रहता है।
भारत में 6 ऋतु निम्न प्रकार से है (6 Season Name In Hindi And English)
1) वसंत ऋतु (Spring Season)
हिन्दू माह – चैत्र से वैशाख
अंग्रेजी माह – मार्च से अप्रैल
2) ग्रीष्म ऋतु (Summer Season)
हिन्दू माह – ज्येष्ठ से आषाढ़
अंग्रेजी माह – अप्रैल से जून
3) वर्षा ऋतु (Rainy Season)
हिन्दू माह – आषाढ़ से सावन
अंग्रेजी माह – जून से अगस्त
4) शरद ऋतु (Autumn Season)
हिन्दू माह – भाद्रपद से आश्विन
अंग्रेजी माह – अगस्त से अक्टूबर
5) हेमंत ऋतु (Hemat Season, Pre Winter Season)
हिन्दू माह – कार्तिक से पौष
अंग्रेजी माह – अक्टूबर से दिसम्बर
6) शीत ऋतु (Winter Season)
हिन्दू माह – माघ से फाल्गुन
अंग्रेजी माह – दिसम्बर से फरवरी
तो आइये अब इनके बारे में थोड़ा सा विस्तार से जानते है छह ऋतु के नाम और जानकारी (Six Season Name In Hindi And English) –
1) वसंत ऋतु
वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है क्योंकि इस समय मौसम बहुत सुहाना होता है। जब यह ऋतु आती है तो न तो बहुत ठंड होती है और न ही बहुत गर्मी। हल्की ठंडी हवाएँ चलती हैं। वसंत ऋतु हमारे शरीर और मन को नई ऊर्जा और जोश से भरकर तरोताजा कर देती है। इस दौरान कुछ प्रमुख त्यौहार भी आते हैं, जिनकी सूची इस प्रकार है – बसंत पंचमी, उगादी, गुड़ी पर्व, बिहू, वैसाखी, हनुमान जयंती, होली और रामनवमी।
2) ग्रीष्म ऋतु
ग्रीष्म ऋतु में वातावरण का तापमान बढ़ जाता है। दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं। सूर्य की तेज किरणों से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त होने लगता है। इतनी गर्मी में लोगों की हालत खराब हो जाती है।
इस ऋतु में ऐसा नहीं है कि प्रकृति हमें सिर्फ सूर्य की चिलचिलाती किरणों में जलाती रहती है। ग्रीष्म ऋतु मूल रूप से फलों का समय होता है। इन ताजे और मौसमी फलों का सेवन करने से हमारा स्वास्थ्य भी काफी अच्छा रहता है। ग्रीष्म ऋतु में मनाए जाने वाले मुख्य त्यौहार इस प्रकार हैं – गुरु पूर्णिमा, रथ यात्रा, महावीर जयंती।
3) वर्षा ऋतु
जब गर्मी में गर्म हवाओं और सूर्य की तीखी किरणों से दुनिया चीखने लगती है। झीलें, नदियाँ और नाले सूखने लगते हैं, तब वर्षा ऋतु आती है। वर्षा को ऋतुओं की रानी भी कहा गया है।
इस ऋतु के आगमन के साथ ही पूरी प्रकृति सोने से भर जाती है। हर तरफ हरियाली फैल जाती है। चारों तरफ फैली हरियाली से मन प्रफुल्लित हो जाता है। वर्षा वास्तव में एक सुखद और मनभावन समय होता है। कृषि प्रधान देश में वर्षा किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। वर्षा ऋतु के प्रमुख त्योहार हैं – रक्षा बंधन, गुरु पूर्णिमा, व कृष्ण पूजा।
4) शरद ऋतु
शरद ऋतु वर्षा ऋतु के बाद आती है। हिंदी महीनों अश्विन और कार्तिक के बीच की ऋतु को शरद ऋतु कहा जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अंग्रेजी महीनों के अनुसार, यह समय अगस्त और सितंबर होगा! इसे वसंत ऋतु के समान माना जा सकता है। चूंकि इस समय वर्षा कम होती है और गर्मी लगभग नहीं पड़ती। यह खरीफ की फसल काटने का समय होता है। शरद ऋतु के मुख्य त्यौहार हैं – शरद पूर्णिमा, नवरात्रि दुर्गा पूजा, विजयादशमी।
5) हेमंत ऋतु
इस ऋतु में आकाश स्वच्छ होने के साथ खुशनुमा ढंग से मुस्कुराता हुआ दिखाई देता है। आकाश साफ और नीला दिखाई देता है। यह अक्टूबर से दिसंबर तक का समय होता है। हेमंत ऋतु फूलों और मीठे फलों के खिलने का मौसम है। एक तरह से यह हमें आने वाली ठंड और सर्दी के लिए तैयार करता है। इस ऋतु के मुख्य त्यौहार हैं – दिवाली, भाई दूज और छठ पर्व।
6) शीत ऋतु
हेमंत ऋतु के बाद शीत ऋतु आती है। इस ऋतु में वातावरण का तापमान बहुत कम हो जाता है। खास तौर पर भारत के मैदानी और पहाड़ी इलाकों में तापमान इतना कम हो जाता है कि आम जनजीवन ठप्प हो जाता है। पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी भी होती है। भारत के मैदानी इलाकों में रबी की फसल की बुआई भी इसी मौसम में होती है। शरद ऋतु के मुख्य त्यौहार हैं – मकर संक्रांति, लोहड़ी और पोंगल।